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पंडिय तेयपाल विरइउ
वरंगचरिउ
( अद्यावधि अप्रकाशित दुर्लभ पाण्डुलिपि का सर्वप्रथम सम्पादन, हिन्दी अनुवाद एवं अध्ययन )
सम्पादक एवं अनुवादक डॉ. सुमत कुमार जैन
प्राकृत - अध्ययन - शोध-केन्द्र, राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान ( मानित विश्वविद्यालय) जयपुर परिसर, जयपुर
प्रकाशक
श्री कुन्दकुन्द - कहान पारमार्थिक ट्रस्ट
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