Book Title: Vajjalaggam
Author(s): Jayvallabh, Vishwanath Pathak
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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गाथानुक्रमणिका
५०३
जइ वि हु कालवसेणं
757 जह जह वड्ढंति थणा वियसइ 209 जइ सा पइणा भणिया 615 जह जह वड्ढेइ ससी
265 जा सा सहीहि भणिया तुज्झ पई 624 जह जह वाएइ विही अति० 119*3 जइ सा सहीहि भणिया तुज्ह मुहं 6 13 जह पढमदिणे तह
279 जइ सासुयाइ भणिया 623 जह पढमे तह दोसइ
793 जइ सो गुणाणुराई
470
जह पलहिगुणा परछिद्द 710 जइ सो न एइ गेहं
417 जं चिय विहिणा लिहियं 674 जडसंवाहियफरुस 709 जं जस्स मम्मभेयं
81 जणसंकुलं न सुन्नं
493
जं जं डाल लंबइ ज ज डाल
124 जत्तो नेहस्स भरो 292 जं जाणइ भणइ जणो
689 जत्तो विलोलपम्हल
294 जं जाणइ भणउ जणो अति० 90*11 जत्य गओ तत्य गओ 544 जंजि खमेइ समत्थो
87 जत्थ न उज्जग्गरओ 333 जं जीहाइ विलग्गं
225x जत्थ न खुज्जयविडवो 482 जंतिय गुलं विमग्गसि
533 जम्मदिणे थण णिवडण 149 जं तुह कज्जं भण तं
415 जम्मंतरं न गरुयं गरुयं पुरिसस्स जंदिज्जइ पहरपरग्वसेहि 162x गुणगणग्गणं अति० 90*10 जं नयणेहि न दीसइ
125 जम्मंतरं न गरुयं गरुयं पुरिसस्स जं पक्खालियसारं
791 गुणगणारुहणं .687 जं सेवयाण दुक्खं
151 जम्मे वि जं न हूयं
54 जा इच्छा कावि मणो 628x जलणडहणेण न तहा 768 जाइविसुद्धाण नमो
201 जलणपवेसो चामीयरस्स 767 जाई रूवं विज्जा
144 जलणं जलं च अमियं । 752 जाएण तेण धवलीको
760 जलणिहिमुक्केण वि 747 जाएण माणप्पसरे
345 जस्स तुमं अणु रत्ता
543 जाओ पियं पियं पइ 563x जस्स न गिण्हंति गुणा अति० 90*3 जाओ सि कीस पंथे
733 जस्स न गेण्हंति गुणा
698 जाणिज्जइ न उ पियमप्पियं 655 जह कणयं तह पडिमाण 771 जा न चलइ ता अमयं अति० 349*7 जह जह न चडइ चावो 210x जा नीलजलहरोदार
651 जह जह न समप्पइ . 113 जायासुयविरह
194 जह जह वड्ढंति थणा तह तह 208 जारट्ठविणिम्मिय अति० 4966
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