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पाश्र्वनाथ विद्याश्रम ग्रन्थमाला : ३४
सम्पादक : डा० सागरमल जैन
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जयवल्लभकृत
धर्म, अर्थ और काम के जीवन-मूल्यों का अनुपम प्राकृत सूक्ति-कोश
वज्जालग्गं
(हिन्दी अनुवाद एवं कतिपय गाथाओं पर पुनर्विचार सहित)
अनुवादक विश्वनाथ पाठक
सच्चं लोगस्मि सारभूयं
प्रकाशक
पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान,वाराणसी-५
Jain Education delle mellom
१९८४