Book Title: Vajjalaggam
Author(s): Jayvallabh, Vishwanath Pathak
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 583
________________ ५०८ वज्जालग्ग 583 #FFFFFFFFFF परमं चिय जे 719 पुच्छिज्जंता निय पटमं चिय मह आत० 496*14 पुणरुत्तपसारियदीह 222 पढमारंभमणहरं अति० 349*1 पुरिसविसेसेण सइ 468 पत्त पियपाहुणए 458 पुरिसे सच्चसमिद्धे । 84 पम्मुहसुत्तं अट्ठी 790 पुग्वेण सणं पच्छेण 474 पयडियकोसगुणड्ढे 708 पेक्खह महाणुचोज्जं 475 पडियफ्यावगुण अति० 64-5 पेम्मस्स विरोहिय 348 परधरगमणालसिणी अति० 462*1 पेम्मं अणाइप मत्थ 329 परपत्थणापवनं 133 फणसेण समं महि 156 परपुरपवेसविन्नाण अति० 438*5 फरुसं न भणसि 40 परलोयगयाणं पि हु फलसंपत्तीइ समो 114 692 765 बद्धो सि तुमं पीओ परविवरलद्धलक्खे 57x परसुच्छेयपहरणेण बहले तमंधयारे रमिय 729 परिधूसरा वि सहयार अति० 496*8x 631 परिमुसइ करयलेण वि 582 ___ बहले तमंधयारे विज्जुजोएण परिहासवासछोडण 607 अति० 728 पल्लवियं करयल 313 बहुकूडकवडभरियाण 280 पल्लिपएसे पज्जूस अति० 21404 बहुकूडकवडभरिया माया 669 पसरई जेण तमोहो 487 बहुगंधलुद्ध महुयर अति० 252*4 पाइयकम्वम्मि रसो 21 बहुतरुवराण मज्झे 732 पाइयकव्वस्स नमो 31 बहुसो वि कहिज्जतं 439 पाइयकव्वुल्लावे अति० 31*4 बंधवमरणे वि हहा 459 पामरवहुयाइ अति० 300*2 बालय नाहं दूई अति० 438*3 पायडियबाहुमूल पृ० 340 बालं जराविलंगि 519 पायवडिओ न गणिओ 362 बाला असमत्तरया अति० 328*5 पाविज्जइ जत्थ सुहं 675 __ बालाकवोललावण्ण अति० 318*5 पासपरिसंठिओ विह 691 बाला लावण्णणिही अति. 318*6 x पियकेलिसंगमोसारिएण 694 बुद्धी सच्चं मित्त अति०90*12x पिहुलं मसिभायणयं 510 बेण्णि वि महणारंभे 131 युक्कारएण विज्जय 515 बेणि वि रण्णुप्पन्ना पुक्कारयं पउंजसु 513 बेण्णि वि हुति गईओ F FFFFETTIAHE 203 95 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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