Book Title: Vajjalaggam
Author(s): Jayvallabh, Vishwanath Pathak
Publisher: Parshwanath Vidyapith
________________
गाथानुक्रमणिका
वस पहिय अंगण च्चिय 495 विविहविहंगमणिवहेण
721 वसिऊण मज्झ हियए 368 विसहरविसग्गिसंसग्ग
387 वसिऊण सम्गलोए 253 विहडउ मंडलिबंधो
601 वंकमणियाइ कत्तो अति० 284*3 विहडंति सुया विहडंति 672 वंक ताण न कीरइ अति० 284*6x विहवक्खए वि दाणं अति° 119*1 वंकेहि पिओ सरलेहि
298 विहवक्खए वि सुयणो अति० 48*5 वाणियय हत्थिदंता
213 विहिणा जं चिय लिहियं 129 वाससएण वि बद्धा अति० 16*2 विहिविहियं चिय लब्भइ 132 वासारत्ते पावासियाण अति० 373*1 विझेण विणा वि गया
188 वासारत्त वाउ एण अति० 445*3
वेलामहल्लकल्लोल
749 विउलं फलयं थोरा
502 वेल्लहलालाव
421 विउलं वि जलं जल अति० 263*4
वेसाण कवडसय
571 विज्ज तुहागमण चिय
517 वोसट्ट बहलपरिमल
249x विज्ज न एसो जरओ
511 सउणो नेहसउण्णो
775 विज्जय अन्नं वारं 518x
सकुलकलंक नियकंत अति० 472*2 विज्जुभुयंगमसहियं अति० 652*1 सक्कयमसक्कयं पि हु
7 वियडं सो परिसक्कउ
171 सगुणाण निग्गुणाण य 70x वियडा वि जंतवाया 534 सच्चं अणंग कोयंड
397x वियलइ घणं न माणं
164 सच्चं चिय चवइ जणो 604x वियलियतेएण वि 773 सञ्चं चेय भुयंगी
598x वियलियदल पि
250 सच्चं चेव पलासो अति. 641*3x वियलियमएण गय 190 सच्चं जरए कुसलो
512x वियसंतसरस 243 सच्चं पलास जं
743 वियसंतु नाम
229 सच्चुच्चरणा पडिवन्न अति० 48*4 वियसियमुहाइ
530 सच्छंदं बोलिज्जइ
148 विरहग्गिजलणजाला अति० 389*3 सच्छंदिया सरूवा विरहपलित्तो रे वरगइंद 197 । सज्जणसलाहणिज्जे
705 विरहेण मंदरेण व
381 सट्टीइ होइ सुंहवा
478 विवरीए रइबिबे
501 x सत्थत्थे पडियस्स वि 121x विवरीयरया लच्छी
611 सद्दपलोट्टं दोसेहि
24 विविहकइविरइयाणं 3x सद्दालयं सरूवं
535
12
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 584 585 586 587 588 589 590