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कम्पाउन्ड वॉल में दोष होने पर इसके गंभीर प्रभाव होते हैं।
दिशा प्लॉट
1. उत्तर और पूर्व की
दीवार
पर
कम्पाउन्ड
वॉल
की मोटाई व ऊँचाई कम रखें ।
2. दक्षिण और पश्चिम
की दीवार पर
मोटाई व ऊँचाई ज्यादा रखें ।
W
दिशा प्लॉट
E
S
N
22
देखें www.dwarkadheeshvatu.com
नीचे दिए गए नियमों को ध्यान में रखकर ही इसका निर्माण करें । कम्पाउन्ड वॉल के निर्माण
3 फिट
साउथ-वेस्ट में घर के मुखिया, पहली व पाँचवीं संतान को बीमारी व घर से बाहर रहना संभव है।
N
Ε
S
3. फर्श का ढ़ाल साउथ-वेस्ट से नार्थ-ईस्ट की ओर ही रखें 4. फर्श का ढ़ाल बनाने के बाद यह ध्यान रखें कि इसके ऊपर दक्षिण और पश्चिम की कम्पाउन्ड वॉल की ऊँचाई, उत्तर और पूर्व की कम्पाउन्ड वॉल से अधिक होनी चाहिए । 5. कम्पाउन्ड वॉल की माप फर्श के तल से ही करें। 6. उत्तर व पूर्व की दीवार पर तार या काँच के टुकड़े न लगाएँ क्योंकि इससे उत्तर व पूर्व की ओर से आनी वाली उर्जा के लिए यह काँटे का कार्य करते हैं, जोकि शुभ नहीं है ।
कम्पाउन्ड वॉल 1. नार्थ-ईस्ट में कम्पाउन्ड वॉल की मोटाई व ऊँचाई कम रखें ।
3.5 Feet
3.5
फिट
3.5%
W
विदिशा प्लॉट
2. साउथ-वेस्ट में मोटाई व ऊँचाई ज्यादा रखें ।
और 3. साउथ-ईस्ट नार्थ-वेस्ट में कम्पाउन्ड
वॉल की ऊँचाई व मोटाई E 3 ] फिट एक समान ही होनी चाहिए।
फर्श का ढ़ाल बनाने के बाद यह ध्यान रखें कि इसके ऊपर साउथ-वेस्ट की कम्पाउन्ड वॉल की ऊँचाई, नार्थ-ईस्ट की कम्पाउन्ड वॉल से अधिक होनी चाहिए ।
7. कम्पाउन्ड वॉल की माप फर्श के तल से ही करें।
8. नार्थ-ईस्ट की दीवार पर तार या काँच के टुकड़े न लगाएँ । क्योंकि इससे उत्तर व पूर्व की ओर से आनी वाली उर्जा के लिए यह काँटे का कार्य करते हैं, जोकि शुभ नहीं है ।
कम्पाउन्ड वॉल के
अंदर निर्माण के प्रभाव
नार्थ-ईस्ट में घर के कमाने वाले सदस्य और पूरा परिवार परेशान, बीमार, प्रगति न होना, धन की कमी, मान-सम्मान में कमी व
उत्तर में धन की कमी, महिलाएं बीमार, मान-सम्मान कम् व स्वभाव चिड़चिड़ा होगा ।
पूर्व में पुरुषों को गम्भीर बीमारी, भय लगना, मान-सम्मान व धन की कमी, कोर्ट-केस, प्रशासनिक समस्याएँ, संतान न होना व गर्भपात होना संभव है ।
नार्थ-वेस्ट में महिलाएं बीमार, कर्जे, झगड़े, मानसिकअशान्ति, दीवालिया होना, कोर्ट केस, प्रशासनिक -समस्याएँ, तीसरी व सातवीं संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे ।
ब्रह्मस्थान में घर का मुखिया, पहली संतान व पूरा परिवार परेशान रहेगा व वंशनाश संभव है ।
साउथ-ईस्ट में महिलाएं बीमार, कर्जे, झगड़े,' मानसिक अशान्ति, आग व चोरी की घटनाएँ, कोर्ट केस, प्रशासनिक समस्याएँ, दूसरी व छठी संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे ।
S
4. दक्षिण कोने से पूर्व कोने और पश्चिम कोने से उत्तर कोने तक कम्पाउन्ड वॉल को चित्र में दिखाए अनुसार ढालयुक्त बनाएँ ।
5.
फर्श का ढ़ाल साउथ-वेस्ट से नार्थ-ईस्ट की ओर ही रखें ।
6.
WV
पश्चिम में घर का मुखिया व पुरूष संतान घर से बाहर रहेंगे ।
कम्पाउन्ड वॉल
3.5 फिट
N
3.2 फिट
N
W
विदिशा प्लॉट
E
दक्षिण में महिला व स्त्री स ंतान बीमार, मान-सम्मान में कमी, स्वभाव चिड़चिड़ा और जिद्दी व मानसिक अशान्ति रहेगी।