Book Title: Vaastu Principles Hindi
Author(s): Ankit Mishra
Publisher: Ankit Mishra

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Page 64
________________ संगीत व वास्तु पुस्तक (PDF) मुफ्त डाउनलोड करें (54) देखें www.dwarkadheeshvatu.com बॉलकनी के निर्माण की विधि दिशा प्लॉट विदिशा प्लॉट दक्षिण/पश्चिम में बॉलकनी/छज्जा बनाने से मुख्य दीवार | साउथ-वेस्ट में बॉलकनी/छज्जा sw सही निर्माण NE पर वजन आ जाता है। यह शुभ है। ध्यान रहे कि बनाने से मुख्य दीवार पर वजन आ जाता बॉलकनी/छज्जा भवन के पूरे भाग में ही बनना चाहिए, किसी / है। यह शुभ है। ध्यान रहे कि बॉलकनी RCC एक कोने में नहीं। बॉलकनी/छज्जा भवन के पूरे भाग में ही IS बॉलकनी सही निर्माण N W बॉलकनी सही निर्माण E बनना चाहिए, किसी एक कोने में नहीं। दीवार स्लैब दीवार RCC RCC | दीवार दीवार | दीवार दीवार वॉलकना दीवार RCC स्लैब दीवार नार्थ-ईस्ट/नार्थ-वेस्ट/ साउथ FNw गलत निर्माण SE ईस्ट में बॉलकनी/छज्जा बनाने से मुख्य दीवार पर वजन ज्यादा आ पूर्व/उत्तर/ नार्थ-ईस्ट में बॉलकनी/ छज्जा बनाने से / जाता है, जिसके गम्भीर अशुभ मुख्य दीवार पर वजन ज्यादा आ जाता है, जिसके गम्भीर परिणाम हैं। अशुभ परिणाम हैं। sw गलत निर्माण NE ___Nw गलत निर्माण SE s गलत निर्माण बॉलकनी N गलत निर्माण बॉलकनी E 8888888888 RCC RCC RCC स्लैब स्लैब स्लैब :::::: बालकनी दीवार दीवार दीवार दीवार RCC दीवार दीवार दीवार स्लैब दीवार सही निर्माण की विधि सही निर्माण की विधि 28] 353SNA RCC स्लब सही निर्माण बॉलकनी सही निर्माण बॉलकनीE नार्थ-ईस्ट में बॉलकनी/ sw सही निर्माण बॉलकनी छज्जा बनाते समय यह RCC ध्यान रखें कि इसका भार / RCC स्लैब स्लैब किसी स्तम्भ या दीवार पर ही रहना चाहिए। यदि पूर्व/उत्तर की तरफ बॉलकनी/छज्जा बनाना हो तो इसका भार किसी स्तम्भ या दीवार पर ही रहना चाहिए। | दीवार दीवार दीवार दीवार | दीवार दीवार AMANA स्तम्भ - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - ----------- नार्थ-वेस्ट या साउथ-ईस्ट में बॉलकनी/छज्जा का निर्माण बॉलकनी सही निर्माण बॉलकनी NW सही निर्माण SE भवन के दोनो तरफ करें या किसी भी तरफ न करें। ध्यान रखें 38888 कि दोनो तरफ की बॉलकनी की लम्बाई, चौंड़ाई व वजन एक Nw RCC RCC ही समान हो। SE दीवार स्लैब दीवार | दीवार स्लैब दीवार बिजली के तार व रस्सी के प्रभाव नि बिजली का तार या रस्सी जिस दिशा से भवन में जुड़ी होती है वह भाग उतना ही बढ़ जाता है। विदिशा प्लॉट N उत्तर नार्थ-ईस्ट पूर्व 4 यहाँ शेड द्वारा दिखाए गए स्थान में कहीं दिशा प्लॉट से भी बिजली का तार या रस्सी N छत/बॉलकनी/दीवार से बँधी होने से. शुभ प्रभाव प्राप्त होंगे क्योंकि पूर्व, उत्तर व नार्थ-ईस्ट भाग का बढ़ना शुभ है। नार्थ-वेस्ट उत्तर बिना शेड द्वारा दिखाई गई जगह में कहीं से भी बिजली का तार या रस्सी W] पश्चिम ब्रह्मस्थान पूर्व AE इत्यादि छत/बॉलकनी/दीवार से पूर्व E3 बँधी होने पर उस भाग के बढ़ने के अशुभ प्रभाव लागू होंगे। यदि इस भाग से तार लाना अनिवार्य है तो इसे जमीन साउथ-वेस्ट दक्षिण साउथ-ईस्ट के अन्दर से दबाकर (अन्डरग्राउन्ड) लाकर व दीवार से चिपकाकर ही मीटर तक ले जाएँ। | नार्थ-वेस्ट ब्रह्मस्थान साउथ-ईस्ट पश्चिम साउथ-वेस्ट दक्षिण W

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