________________ |संगीत व वास्त पस्तक (PDF) मुफ्त डाउनलोड करें ( 64 ) देखें www.dwarkadheeshvatu.com छत पर किसी कोने या भाग में निर्माण होने से उससे सम्बन्धित सदस्य पर प्रभाव पड़ता है। निर्माण केवल दक्षिण, पश्चिम या साउथ-वेस्ट भाग में ही होना चाहिए, किसी भी हाल में पूर्व, उत्तर,नार्थ-ईस्ट, नार्थ-वेस्ट व साउथ-ईस्ट में नहीं होना चाहिए। दिशा प्लॉट शेड द्वारा दिखाई गई सही जगह विदिशा प्लॉट N उत्तर नार्थ-ईस्ट / पूर्व Mनार्थ-वेस्ट तर नार्थ-ईस्ट ---- T N पश्चिम ब्रह्मस्थाने पूर्व नार्थ-वेस्ट ब्रह्मस्थान साउथ-ईस्ट भवन चाहें दिशा हो या विदिशा छत पर निर्माण करते समय यह ध्यान रखें कि प्रथम निर्माण 1 नं0 से शुरू करते हुए नं0 2 की तरफ आयताकार आकार में दिखाई गई जगह में ही कर सकते हैं। ध्यान रहे कि निर्माण आयताकार ही हो और यह कोनों से कम से कम 3 फीट दूर होना चाहिए। साउथ-वेस्ट दक्षिण साउथ-ईस्ट पश्चिम साउथ-वेस्ट दक्षिण IAN दिखाई गई गलत जगह में निर्माण के प्रभाव विदिशा प्लॉट दिशा प्लॉट नार्थ-वेस्ट में महिलाएं बीमार, कर्जे, झगड़े, मानसिक अशान्ति, दीवालिया होना, कोर्ट-केस,,प्रशासनिक समस्याएँ, तीसरी व सातवीं संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे। उत्तर में धन की कमी, महिलाएं बीमार, मान-सम्मान कम व स्वभाव चिड़चिड़ा होगा। नार्थ-ईस्ट में घर के कमाने वाले सदस्य और पूरा परिवार---- परेशान, बीमार, प्रगति न होना, धन की कमी, मान-सम्मान NI में कमी व पहली और चौथी संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे। पहली मंजिल पूर्व में पुरूषों को गम्भीर बीमारी, भय लगना, मान-सम्मान वधन की कमी, कोर्ट-केस, प्रशासनिक समस्याएँ, संतान न होना व गर्भपात होना संभव है। पहली मंजिल ग्राउन्ड फ्लोर ग्राउन्ड फ्लोर ब्रह्मस्थान में घर का मुखिया, पहली संतान व पूरा परिवार / परेशान रहेगा व वंशनाश संभव है। सड़क सड़क साउथ-ईस्ट में महिलाएं बीमार, कर्जे, झगडे, मानसिक अशान्ति, आग व चोरी की घटनाएँ, कोर्ट-केस, प्रशासनिक समस्याएँ, दूसरी व छठी संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे। साउथ-वेस्ट में घर के मुखिया बड़ी संतान को बीमारी व घर से बाहर रहना संभव है। दक्षिण में महिला व स्त्री सतान बीमार, मान-सम्मान में कमी, स्वभाव चिड़चिड़ा और जिददी व मानसिक अशान्ति रहेगी। पश्चिम में घर का मुखिया व बड़ी संतान घर से बाहर रहेंगे।