Book Title: Tulsi Shabda Kosh Part 02
Author(s): Bacchulal Avasthi
Publisher: Books and Books

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तुलसी शब्द-कोश 561 पठन्ति : पठति । मा० ७.१०८ छं०६ पठयउ : भूकृ.पु.कए० । भेजा । 'पुनि पठयउ तेहिं अच्छ कुमारा।' मा० ५.१८.७ पठये : पठए । रा०प्र० १.४.६ पठयो : पठयउ। 'पठयो है छपदु छबीलें कान्ह ।' कवि० ७.१३५ /पठव, पठवइ : (सं० प्रस्थापयति>प्रा० पट्टवइ) आ.प्रए । भेजता है, प्रेषित करता है। पठवउँ : आ०उए । भेजता हूँ। “पठवां तहां सुनहु तुम्ह जाई ।' मा० ७.६१.७ पठवत : वक०० (सं० प्रस्थापयत् >प्रा० पटुवंत) । भेजता, भेजते। 'तो बसीठ पठवत केहि काजा।' मा० ६.२८.७ पठवति : वक०स्त्री० । भेजती। गी० ७.२६.२ पठवन : भक० अव्यय । भेजने । पठवन चले भगत कृत चेता।' मा० ७.१६.१ पटवह : आ०मब० (सं० प्रस्थापयत>प्रा० पट्ठवह>अ० पट्ठवहु)। भेजो। 'पठवहु काम, जाइ सिव पाहीं।' मा० १.८३.५ पठवा : भूक०० । भेजा । “पठवा तुरत राम पहिं ताही ।' मा० ३.२.१० पठवौं : पठवउँ । भेजू', भेज सकता हूं। 'पठवौं तोहि जहें कृपा-निकेता।' मा० पठाइन : पठइअ । भेजा जाए, भेजना चाहिए । 'दूत पठाइअ बालिकुमारा।' मा० ६.१७.४ पठाइहि : पठइहि । भेजेगा । 'जहँ तह मरकट कोटि पठाइहि । मा० ४.४.४' पठाई: पठई । 'भूप पहनई करन पठाई।' मा० १.३०६.८ पठाई : (१) पठई । 'गिरिजा पूजन जननि पठाई ।' मा० १.२२८.२ (२) पठइ । भेजकर । 'जनक अवधपुर दीन्ह पठाई।' मा० १.३३४.१ पठाए : पठाए । 'मम हित लागि नरेस पठाए।' मा० १.२१६.८ पठायउँ : आo-भूकृ०० + उर। मैं भेजा गया (मुझे भेजा)। 'अस बिचारि रघुबीर पठायउँ ।' मा० ६.३०.२ पठायउ, ऊ : पठयउ । 'दूत पठायउ तव हित हेतू ।' मा० ६.३७.२ पठायो : पठायउ । 'इहां देवरिषि गरुड़ पठायो।' मा० ६.७४.१० पठावउँ : पठयउँ । 'आपु सरिस कपि अनुज पठावउँ।' मा० ६.१० ६.४ पठावनी : सं०स्त्री० । पार पहुंचाने का कारोबार तथा उससे मिलने वाला पारि श्रमिक । 'ख्वहीं ना पठावनी ।' कवि० २.६ पठावा : पठवा । भेजा । 'यह अनुचित नहिं नेवत पठावा।' मा० १.६२.१ पठावौंगी : आ०भ०स्त्री० उए । भेजूगी। 'ती संग प्रान पठावौंगी।' गी० २६.३ पठं : पठइ । 'पठे दीन्हि नारद सन सोई ।' मा० १.३१२.७ For Private and Personal Use Only

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