Book Title: Tulsi Prajna 1997 04
Author(s): Parmeshwar Solanki
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 154
________________ संपादित प्रकाशित ग्रन्थ १. मुनि रामचन्द्रकृत कौमुदी मित्रानन्द नाटक सन् १९१७ २. मुनि रामभद्रकृत - प्रबुद्ध रोहिणेय नाटक सन् १९१८ ३. श्री मन्मेघप्रभाचार्य विरचित धर्माभ्युदय [ छाया नाटक ] वि० सं० २०१८ ४. गुरु तत्त्वविनिश्रय वि० सं० २०२४ ५. उपाध्याय श्री यशोविजयकृत अन्द्रस्तुति चतुर्विंशतिका - १९२८ ६. वाचक संघ संगणि विरचित वसुदेव- हिडि - १९३०-१९३१ ७. कर्मग्रन्थ [ भाग - १-२] सन् १९३४-४० ८. बृहत्कल्प सूत्र — नियुक्ति भाष्य वृत्ति युक्त [ भाग-१-६] सन् १९३३-३८ तथा १९४२ ९. भारतीय जैन श्रमण संस्कृति अने लेखनकला सन् १९३४ १०. पूज्यश्री जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण विरचित जीत कल्पसूत्र स्वोप्रज्ञ भाष्य सहित सन् १९३८ ११. कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य प्रणीत सकलाईत्स्तोत्र श्री कनककुशल गणि विरचित वृत्ति युक्त सन् १९४२ १२. श्री देवभद्रसूरि कृत कथा रत्नकोश सन् १९४४ १३. श्री उदयप्रभसूरिकृत धर्माभ्युदय महाकाव्य सन् १९४९ १४. कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य प्रणीत त्रिषष्टि शलाका पुरुष चरित्र महाकाव्य [ पर्व २, ३, ४ ] सन् १४१० १५. जैसलमेर नी चित्र संमृद्धि सन् १९४१ १६. कल्पसूत्र -निर्युक्ति, चूर्णि, टिप्पण, गुर्जर अनुवाद सहित सन् १९४२ १७. अंग विजय सन् १९४६ १८. सोमेश्वर कृत कीर्ति कौमुदी तथा अरिसिंह कृत सुकृत संकीर्तन सन् १९६१ १९. सुकृत कीर्ति कल्लोलिन्यादि वस्तुपाल प्रशस्ति संग्रह सन् १९६१ २०. सोमेश्वरकृत उल्लाध राधव नाटक सन् १९६१ 21. Discriptive catalogue of plam leaf MSS in the Shantinath Bhandar, Combay vol. I, II, 1961-1966. 22. Catalogue of Sanskrit and Prakrit MSS of L. D. Institute of Indology, Parts I-IV, 1963-1972. २३. श्री नेमीचन्द्राचार्यकृत आख्यानक मणिकोश आम्रदेवसूरिकृत वृत्ति सहित सन् १९६२ २४. श्री हरिभद्रसूरिकृत योग शतक स्वोपज्ञ वृत्ति युक्तः तथा ब्रह्म सिद्धान्त समुच्चय १९६४ २५. सोमेश्वरकृत रामशतक १९६६ २६. नन्दी सूत्र - चूर्णि सहित १९६६ २७. नन्दी सूत्र - विविध वृत्ति युक्त १९६६ २८. आचार्य हेमचन्द्र कृत निघण्टु शेष, श्री वल्लभ गणिकृत टीका सहित १९६८ खण्ड २३, अंक १ Jain Education International For Private & Personal Use Only ફુ~સ્ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216