Book Title: Tulsi Prajna 1975 07
Author(s): Mahavir Gelada
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 94
________________ ८८ डा. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये जैन विद्या मनीषी डा० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये के निधन पर जैन विद्या परिषद के षष्ठ अधिवेशन में शोक प्रस्ताव के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्राकृत, जैन तथा प्राचीन भारतीय विद्याओं के अन्तराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त अप्रतिम वयोवृद्ध विद्वान एवं अद्वितीय प्राध्यापक, संशोधक, माणिकचन्द दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला, भारतीय ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी ग्रन्थमाला, जीवराज जैन ग्रन्थमाला आदि ग्रन्थमालाओं के प्रधान सम्पादक, आल इंडिया ओरियंटल कांफ्रेंस, अलीगढ़ सेशन के जनरल प्रेसिडेंट, राष्ट्रपति द्वारा संस्कृत के उत्कृष्ट अध्यापक के रूप में सम्मानित एवं मैसूर विश्वविद्यालय में जैनोलोजी और प्राकृत विभाग के प्रथम अध्यक्ष, जैन विश्व भारती लाडनू द्वारा आयोजित जैन विद्या परिषद के छठे राष्ट्रीय अधिवेशन के पूर्व मनोनीत अध्यक्ष डा० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, कोल्हापुर में आकस्मिक दुःखद निधन से हम सभी को गहरा आघात लगा है । जैन विद्या परिषद के जयपुर अधिवेशन में समवेत हम सब स्वर्गस्थ आत्मा के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और कामना करते हैं कि उनके शोक संतप्त परिवार को तथा हम सब को भी उनके अभाव को झेलने की सामर्थ्य प्राप्त हो । Jain Education International For Private & Personal Use Only तुलसी प्रज्ञा- ३ www.jainelibrary.org

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