Book Title: Tulsi Prajna 1975 07
Author(s): Mahavir Gelada
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 102
________________ संरक्षक सदस्य २० आजीवन सदस्य १०१ साधारण सदस्य ४० कुल १६१ इस तरह वर्ष में १६ सदस्य आजीवन व८ सदस्य साधारण ( कुल २७ सदस्य ) नये स्वीकृत हुये हैं। इनमें से ६ सदस्य दिवंगत हो जाने से यह संख्या इस समय १५५ की है। ___अपने अनुदान के आधार पर निम्न अनुसार दान-दाताओं को संस्था के सहयोगी घोषित किया गया है: परम संरक्षक संरक्षक हितैषी ४६ कुल ५६ इनमें से एक परम संरक्षक, ३ संरक्षक व १६ हितैषी इस वर्ष १० जुलाई ७४ के पश्चात घोषित हुये हैं। धन्यवाद ज्ञापन : जन विश्व भारती की तरफ से निम्नलिखित को हार्दिक धन्यवाद देता हूं तथा आशा करता हूं कि भविष्य में भी सभी का सहयोग विश्व भारती को बराबर मिलता रहेगा। १- राजलदेसर निवासियों को 'गौतम ज्ञानशाला' के निर्माण हेतु डेढ़ लाख रुपया के अनुदान घोषणा के लिये, जिसमें से लगभग ५०,०००/- रुपये प्राप्त भी हो २- मित्र परिषद कलकत्ता को तुलसी अध्यात्म नीड़ा के 'साधना भवन' के हॉल हेतु निर्माण के लिये ६०,०००/- रुपयों के अनुदान की घोषणा के लिये जिनमें से रुपये ३०,००० /- प्राप्त हो चुके हैं.। ३- अखिल भारतीय तेरापंथ महिला परिषद की ओर से 'महिला विद्यापीठ' के निर्माण हेतु सवा लाख रुपये की अनुदान राशि घोषणा में से रुपये ८,६००/ प्राप्त हुये हैं। ४- गंगाशहर निवासी श्री लखपतराय बोथरा ने साधारण स्थिति में होते हुये भी संस्था को रुपये ११,०००/- का अनुदान भिजवाया है, व अन्य संस्थाओं की भी उदारतापूर्वक सहायता की है, बड़ा महत्व रखता है। ५- सरदारशहर निवासी श्री संचियालाल जी छाजेड़ ने भी अपनी साधारण स्थिति होते हुए भी अपनी मातुश्री की स्मृति में संस्था को एक हजार रुपये प्रदान किये हैं। तुलसी प्रज्ञा-३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116