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तृष्णा का जाल
कपिल राजसभा के सामने ही उद्यान में एक अशोक वृक्ष की फिर उसकी कल्पना ऊँची उड़ती है। छाया में बैठ गया और सोचने लगा
जब धन मिल जायेगा तो कपिला के साथ मेरा विवाह हो जायेगा। फिर तो भवन, वाहन के लिए भी धन की जरूरत होगी.... एक ... स्वर्ण मुद्राएँ।
कपिल स्वप्न-लोक में पहुँच गया
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क्यों न राजा से एक छोटा-सा राज्य माँग लूँ। फिर कमाने का झंझट ही नहीं रहेगा।
एक लाख से भी क्या होगा? एक करोड़, नहीं-नहीं सवा करोड़ मुद्राएँ माँग लूँ। इतना धन ठीक होगा.....
फिर सोचता है
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नहीं, यह अपर्याप्त है फिर भी बड़े राजाओं का भय बना रहेगा? क्यों न इसी राज्य का पूरा राज-सिंहासन माँग लूँ।
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