Book Title: Tiloypannatti Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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पाषा ४७०
वृत्त में विष्काम ( पास ) को d मानकर, परिधि को मानकर, गिज्या को: मानकर, द्वीप को चतुर्राक्ष परिषि रूप धनुष की बीवा का सूत्र(वृत्त की चतुपाचा धनुष को जीवा ) -1dx२-२२
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मामा अपवा(पतुपाच परिधि की जीवा 1x1-( पाश परिधि ) -[२xp:1xr=ga-1 अथवा पानास परिधि = / . . माजरूस के प्रतीकों में यह IT 1 है।
गारा ४२. - बाए पोर विलाभ दिया जाने पर जीषा निकामने हेतु सूत्र-मरण को मानकर, विष्कम्भ को ८ मानकर, गोवा निकालने का सूत्र निम्नलिखित हैजोवा (d) - 14-1}]
= [() - (-1)] यह पिथेमोरस के साध्य का उपयोग है। गाबा .
माण और विष्कम्भ दिया जाने पर धनुष का प्रमाण निकाममे हेतु सूत्र । धनुष - १२ [(d + h] - 143
यदि हो तो धनुष - V. के बराबर होता है। पापा २
जब जीवा पौर विस्कम्भ ( विस्तार दिया गया हो तो वाण निकालने के लिए सूत्र : 1-1-14 - 1 जोवा)* ]" -!- [* - ( बोदा )" उपर्युक्त सूत्रों से निम्न सम्बन्ध प्राप्त होता है।