Book Title: Teen Din Mein Author(s): Dharmchand Shastri Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 2
________________ जैन चित्रकथा आपके बच्चे को जैन संस्कृति से परिचित कराती है। इस पुस्तक की कथा संस्कृत सुकमाल चरित्र पर आधारित है। अनेक विद्वानों की राय में यह कहानी प्रतीकात्मक है। आज इस बात की जरूरत है कि दुनिया के विकसित धर्मो में हमारे लिए जो आवश्यक बातें कही गयी हैं उन्हें हम समझे और अपने जीवन में उनपर चलने की कोशिश करें। नई पीढ़ी को सही समझ और शिक्षा देने के लिए ऐसे विचार उनके समक्ष रखना जरूरी है, जिससे वे आदर्शों की तरफ प्रेरित हों और जिन्दगीका सही रास्ता उन्हें मिलसके कहानियां इस तरह रखी गयी है कि बच्चों को वे उपदेश नहीं जीवन से जुड़ी हुई मालूम हो और आसानी से समझ में आ जाये। मुझे आशा है कि बच्चों के माता-पिता भी इन कहानियों को दिलचस्पी से पढ़ेंगे और अपनेजीवन को समृद्ध करेंगे। मुझे उम्मीद है कि इस प्रयास को पसन्द किया जावेगा इसपर अमल किया जावेगा और इसका प्रचार किया जावेगा। यह प्रथम प्रकाशन 'तीन दिन में सुधी पाठकों के हाथों सौंप रहे हैं। प्रकाशक : आचार्य धर्मश्रुत ग्रन्थमाला , जयपुर सम्पादक : धर्मचंद शास्त्री लेखक : डा. मूलचंद जैन, मुजफ्फर नगर चित्रकार: बनेसिंह, जयपुर श्रीमति वसन्ती देवी, धर्मपत्नी स्व. श्री महावीर सहाय बैराठी, जयपुर के सौजन्य से प्रकाशन वर्ष : १८६६ अंक : १ मूल्य:10.00रू.Page Navigation
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