Book Title: Teen Din Mein
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 22
________________ खूब खोज की गई सुकुमाल की- पर वह नहीं और उधर जंगल में घोर तपस्या में मिले... नही मिले.. सब्र करके सब बैठ गये। लीन खड़े हैं मुनिराज सुकुमाल HAVE अहाहा! ध्यानस्थ कितना मीठासून है कितनास्वादिष्ट हैकिसका है यह . Paro medy , PLE MAA HINNI ONLYMPERMEN - - ENMAANY है। यह कौन है। ओह याद आया । किसी पहले जन्म में मैं इसकी भौजाई थी। मै अग्निभूत ब्राह्मण की स्त्री सोमदत्ता थी और यह मेरा देवर वायुभूति था। एक दिन.... t.. ५१) MA

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