Book Title: Teen Din Mein
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 25
________________ अहा। हा। मैं कहां आ गया। सर्वार्थसिद्धि में.... यहां बस आनन्द ही आनन्द है किसी प्रकार का दुख नहीं । ३३ सागर की आयु। तेतीस हजार वर्ष पश्चात भूख तभी कण्ठ से अमृत झरना और भूख का तृप्त होना । १६1⁄2 माह में रंच मात्र स्वांस लेना क्या कष्ट है मुझे और यह सब क्यों मिला मुझे । पूर्व जन्म में तप जो किया था। बस यहां से मनुष्य भव और उसी भव से मोक्ष । अहा हा ।

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