Book Title: Teen Din Mein
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 24
________________ प्रथम दिन दूसरे दिन PR91009080P इन विचारों तथा अन्य ऐसे ही विचारो के (१२ भावनाओ)आदि के चिन्तन के बल पर इस महान उपसर्ग मे भी वह विचलित नहीं हुए और उस वेदना को वेदनान गिनते हुए अपने आत्म ध्यान में ही लीन रहे। स्यालनी अपना काम कर रही है और मुनिराज अपना । तात्यले

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