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सुकुमाल ने त्याग कर दिया सब ही प्रकार के परिग्रह का-१० प्रकार काबहिरंग परिग्रह औ १४ प्रकार का अन्तरंग परिग्रह । नग्न दिगम्बर मुनि बन गये और चल पड़े दसरे जंगल को और प्रायोगमन संन्यास धारण
करके निश्चल खडे हो गये
और महलों में
हैं यह क्या हमारे पति कहांचले गये? आओ उन्हे ढूंढें ।
माताजी । माताजी! रात्रि में हमारे पति सुकुमाल न जाने कहांचले गये पता ही नहीं
चलता।
हा!. सुकुमाल...
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