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चेत होने पर....
[CC] Din
कहां गया मेरा पुत्र, मेरा सुकुमाल... कितना सुकुमार हैरे तूक्या बीत रही... होगी तुझ....
पर.....
pocoo coloug
हो न हो मेरा बेटा मुनि यशोभद्र के पास ही गया होगा ।।
चलो वहां चलकर उसे
ढूंढें
हैं। यह क्या। यह साड़ियों की रस्सी इस खिड़की से..... क्यों बंधी है। समझी। अवश्य ही मेरा लाड़ला इन्ही साड़ियों से बनी रस्सी से नीचे उतरा होगा ।
यहां भी तो नहीं है, मेरा सुकुमार और न हैं यहां मुनिराज यशोभद्र