Book Title: Tattvarthshlokavartikalankar Part 5
Author(s): Vidyanandacharya, Vardhaman Parshwanath Shastri
Publisher: Vardhaman Parshwanath Shastri

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Page 11
________________ श्री विश्ववंद्य तपोनिधि आचार्य स्व. कुंथूसागर महाराज जिन्होने अपने जीवन कालमे धर्मकी अभूतपूर्व प्रभावना की, जैनशासनका उद्योत किया, जैनतत्वज्ञानका प्रकाश सर्वत्र फैलाया, विश्वके कोने कोने में सार्वधर्मको पहुंचाकर विश्वबंधुत्वकी भावना निर्माण की. उन्ही की चिरंतन स्मृति मे इस ग्रंथ माला द्वारा अनेक अनधर्म ग्रंथोंका प्रकाशन सतत किया जा रहा है। सविनय समर्पण श्री परमपूज्य प्रातःस्मरणीय चारित्रचक्रवति स्व. आचार्य शांतिसागर स्वामीके पट्टमें अधिष्ठित चारित्रचूडामणि श्री स्व. आचार्य वीरसागर महाराजके पट्ट में स्थित होकर सफलतापूर्वक विशाल संघका संचालन, साधु मार्गका उद्योत, रत्नत्रय धर्म की अपूर्व प्रभावना करनेवाले श्री १०८ आचार्य शिवसागर महाराजके करकमलो में

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