Book Title: Tattvagyan Smarika
Author(s): Devendramuni
Publisher: Vardhaman Jain Pedhi

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Page 120
________________ देवलोक की सृष्टि पुस्तक में जो संवाद दिया गया है वह प्रस्तुत है : 'There was no death, there was "वहाँ तुम अपना समय कैसे गुजारती थी?' | just a passing off...you passed from that existence to another existence. 'बस मात्र अवलोकन करना।' That's all, there was no death.' 'कुछ काम नहीं तो, तुम को समय लम्बा Any disease ? नहीं लगता। No. 'समय बीतता है, ऐसा यहाँ हमें लगता - A Search For BRIDEY ही नहीं । तुम्हारे जैसे दिन-रात यहाँ नहीं है।' page-151 2. 'Did you ever have to ये वर्णन न तो शास्त्रों में से लिये गये हैं eat anything ?' और न किसी साहित्यकार की कल्पना की "No.' उडान है । ये तथ्य आधुनिक परामनोविज्ञान के • You never had to eat ?' प्रयोगों की रिपोर्टी में आलेखित हैं। 'No, never, ate, never sleep, never get tired there.' देवलोक के विषय में शास्त्र मत है : - A Search for BRIDEY' वहाँ रात-दिन नहीं है। नित्य अत्यन्त ____page-120 | तेजोमय प्रकाश चमकता है। प्रत्येक देव को 'तम वहाँ थी तब पृथ्वी पर ब्रिान के | अमुक मर्यादा में अतीन्द्रिय ज्ञान होता है जिस घर पर क्या हो रहा है, तुम जानती थी ?' । | से वह भूत-भविष्य में दृष्टिक्षेप कर सकता है । 'मेरा उस ओर लक्ष्य नहीं था । हम चाहे | देवों को आहार-निद्रा की आवश्यकता तो जान सकते हैं।' | नहीं होती, आहार की इच्छा होने पर बिना ___'इच्छामात्र से-वहाँ तुम सिर्फ विचार आहार लिये ही तृप्ति हो जाती है। करो और सब देख पाते हो ।' __आयु पूर्ण होने से पूर्व उन्हें यह ज्ञान हो 'वहाँ देवलोक में (एस्ट्रल वेल्डे) में, वृद्धा- | जाता है कि यहाँ से अलविदा लेनी पडेगी । देवों वस्था रोग, मृत्यु जैसा कुछ है क्या ?' को हमारी तरह नौ महिने गर्भवास में रहना 'वहाँ मृत्यु नहीं है। तुम वहाँ हो तो नहीं पड़ता और न उन्हें हमारी तरह बाल्या. मात्र वहाँ से अन्तर्धान हो जाओगे-दूसरे जीवन वस्था से यौवनावस्था में जाना पड़ता है; परन्तु में चले जाओगे, बस वहाँ मृत्यु नहीं है।' वहाँ उत्पन्न होते ही युवा शरीर प्राप्त हो जाता है । 'और कोई रोग?' ___ आधुनिक परामनोविज्ञान के अनुसार ये "ना" ।' तथ्य पूर्णतया मेल खाते हैं। 3. Was there anything, were । 'उर्वशी' महाकाव्य में देवलोक एवं देवthere anything in the astral world such ae death, disease or old age ?' | शरीर का वर्णन 'मेनका-रम्भा संवाद' में सरस Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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