Book Title: Tattvagyan Smarika
Author(s): Devendramuni
Publisher: Vardhaman Jain Pedhi

View full book text
Previous | Next

Page 134
________________ पृथ्वी गोल नहीं चपटी है। [१२७ (१७) यदि पृथ्वी गोल होती तो भू-मध्य- उत्तरीय-ध्रुवके अन्वेषक इसके विपरीत रेखाके नीचे के भागोंमें ध्रुवतारा कदापि दिखाई कहते हैं कि वे १५० से २०० मील तक आर्कन देता, परंतु दक्षिणमें ३० अक्षांश तक ध्रुवतारा । टिक प्रदेशोंमें सरलतासे देख सकते हैं। सरलतापूर्वक देखा गया है। (२१) एक अमेरिकन साप्ताहिक पत्र 'हार(१८) यदि पृथ्वी गोल होती तो आर्कटिक | पर्स विकली' के २० वीं अक्टूबर सन् १८९४ और एटलांटिक सर्कलमें समान रूपसे तीन | ई. के अङ्कमें सरकारी विषयके अन्वेषणों के महिनेकी रात और तीन म हेने का दिन होता । | विषयमें लिखा है कि किन्तु वोशिंगटन के 'ब्यूरो आफ नेविगेशन' उत्तरमें 'कोलोरेड़ो इलेक्शन' पेमाऊँट डनद्वारा प्रकाशित “नौटिकल एलमैनक" नामक कम्प्रेगी (१४४१८) से 'माऊँट एलन' (१४४पंचांगके अनुसार दक्षिणमें ७० अक्षांश पर स्थित १० फुट) तक अर्थात् १८३, मीलकी दूरी पर 'शेटलैंड' टापू पर सबसे बड़ा दिन १६ घण्टे वे लोग हेलियोग्राफ (पालिश चढ़ाये शीशे) की ५३ मिनिटका होता है। सहायतासे समाचार भेजनेमें सफल हुए। ____ उत्तरकी ७० अक्षांश पर 'हैमरफास्ट' यदि पृथ्वी गोल होती तो उपर्युक्त प्रयोग मिथ्या होता । नामक स्थानमें पूरे तीन महिनेका सबसे बड़ा दिन होता है। क्योंकि १८३ मीलकी दूरीमें मध्य भागसे (१९) यदि पृथ्वी गोल होती तो उत्तरी पृथ्वीकी ऊँचाई (गोलाईके कारण) २२३०६ तथा दक्षिणी ध्रुवोंमें व्यक्तिविषयक भिन्नता न होती। | फुट हो जाती, जो सर्वथा असंभव है। (२२) यदि पृथ्वी गोल होती तो इंग्लिश "एंटार्कटिक" प्रदेशमें पिस्तौलकी साधारण चैनलके बीचमें खडे हुए जहाजकी छत परसे आवाज तोपकी आवाजके समान गूंजती है | फ्रांसीसी तटके और ब्रिटिश तटके प्रकाशस्तम्भ और चट्टान टूटनेकी आवाज तो प्रलय-नादसे (लाइट हाउस) दोनों ही स्पष्ट दिखाई न देते । भी भयंकर होती है । इसके विपरीत उत्तरके (२३) इसी प्रकार बैलून में बैठे हुए मनुष्यको आर्कटिक प्रदेशमें ऐसा नहीं है। पृथ्वी उन्नतोदर दिखाई पडती, किन्तु इसके ___ केप्टन होल नामक अन्वेषकका कहना है विपरीत वह पृथ्वीको रकाबीकी भांति समान कि वहां बंदूकको आवाज २० फुटकी दूरी पर | देखता है। मुश्किलसे सुनी जा सकती है सच पूछीये तो अब तक जितने मानचित्र (२०) केप्टन मिले एक स्थान पर अपनी | बनाये गये हैं उनमें कोई दोष अवश्य है और यात्राके प्रसंगमें लिखते हैं कि उनकी प्रणालियां भी अपूर्ण हैं । आर्कटिक प्रदेशमें ४० मील अधिकसे प्रसंगवश उनका विवरण भी नीचे दिया साधारण मनुष्य की दृष्टि नहीं पहुँच सकती। | जाता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144