Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Lalchand
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 126
________________ दागासानमानरामतरवासनामअन्यताधाअापणासवाईया कशासावंतवमानालिसवयकादानाकुमारयह शाक्तिवचन मण् पाउगर करनउसनपचासघना पान यवनिन मरिहसिनि निसणासघना इंताधिकबाजारकादिकासवता संसारखचातानीम्रवनिमामाईनहा मावाणान्यामा पुादाजनईमतिसमयम नापापण दिण्दिीमत कितनाणताका पाउप्रगटक प्रकाशाई अपवागावास्त्रिाप्रमाशबान्य मावाणापादागासाल किसी ना ढिानमलिकरामयमयंण्यापण शिक्षित कियंतापत्रमागतावका कारतिमा प्रगट करई जिमानाप्रणाखा ननाघापनाकतिमातृमणिग्रामाशीमगरकरुजसचिन्नमाणीजीजादिकनपशिलागिनिकलकर्मनाभसंसारमा बदनधी पक्षनारीनहाकिमानिंदाकिस्पउवधीतकातदवीनीसपनाममालामाहामाडिपण गरहमारणाय पारकादमिनंदऋरक तिवण्यापणाशीननाकई सप्तामणवाकयादिक ब्राह्मणासर्वश्रापणपतर परपघातगा घान मानलिहिछाडिमानाय श्रापणापहनाईविषअपुिष्प असानायपयकनाविधनचौघुण्यनघातहनाईलाति मंवयंमपानकापावाशणागरिदसिम एवumanागापुढाकियंतामयंसयेदिहिकाति यानपावाशणापाटाकियतासियसी हिंकोतियाआरतलमालागिरहमाण कतिसमणामादणायासाताय सातायाबरमादिहिरावहामाकि चि॥श्याणकिंचिताचणतिमात्यामामदि हिमांगकारामापाजामाशमकिहिनारिण दिपनारसपशिसाहिंजार 10 पीना पाणीपरिषंसर्वाधिकमाहामाहिन्याधातिप्रaaगरहामा विहिंपतिमायणियानजिननकवि दिपिकोतवादनिदमणगरहाामादिविबीमाकागरनिंगही काय दिक वनस्वरूपकदिनपरापनाइनघाइत्यzu चलायाऊमारकहिले किंचिाहामासानिकाह किणहाश्रमणमा नईझनपुग्णाकागायोगनऊघाघवाजात्यादिकप्रदाषगरकरई सिमस्यामानिंदप्तानाकिसविडिमां यापाणशासन पाउ०प्रारकारामापक अधवानहनामाप्रकामवानस्वरुपक जनवितामायणामार्थनास्ति निकहिदलालून शिवहरिशससुगमानसिामाहात्याशिनासपरिणामालाला परश्रयवादशाक हिननाबात हवा प्रमागाघानमश्रिापणादनिनस्वरुपकहि मायाप्रामपएचबाउमायसम्यगदानादिकारियहिं श्रायसवतः विहिपण कदा कहनमायापुत्रायमरीमार्गानाकाजसमा हिनधी वनासर्वनाकहवा समुशिमादिगमपुरुब चउत्तामासिसयधि सरजमानपदवप्रथमनमुरुषमानाकानधाानमा टिसत्पुरुषाकरमार्ण काटनावलीधर्मजनस्वरुपकहिन

Loading...

Page Navigation
1 ... 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170