Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Lalchand
Publisher: ZZZ Unknown
View full book text
________________
नपच नमकीन fa विदेति लिनवाद करई/ताकल्याणमंग श्रनुत्तर धर्मना
एमविद्यारि एकपर्यधर्मासंबंधिनं सुचना साचा०सांत लान नि सम्पका रिहाई श्रापकी सुमन कुमारिताहिक पडिला सालाचीsual जागारकमप्रये! मुक्तिसाध्वसावताता कोई कपल अलकिकप के दिहानतिर करिजापति पूज्यस्य उक गिनिजलिकर। नमे सति मस्त कनमाड | सकारस्त्राटिक इंतिलाल सम नादवता चित्पनी परिकवास तिसवाक र सामान्याला क परिि वादातार कि
धम्मियं वयासाचा पिसमाप्पाणाचित्र सुमातिपडिहारोजागारकम्प येले लिए समा साविज्ञातं श्रादातिपरिज्ञायतिचंदतिए मंसतिसक मापतिकत्राएं मंगलादेवयांच ये वासंतितानांस पाटालान्त्रात गाय मंत्रयासी पात सितातपदा ि सासव श्रादिपाश्र नगाम दिडा या मुगाएं श्रमि या गटाबागडाएं श्रावालिम सिद्धाश्रणिबूढा वारिया यमरणासह हियं पनियरातियोपात मिलानपदालियो एसवाया॥ [ नाहीए जाउदाग यायम है। महाभिपत्रियामिरामि एत्रामा सजाये निदा
दशदातार कोई वंदनादिक वो बन ही घानि लिई सोलला हा रशेत पर माघी काहीलीयाक्ति विनयादिक समा arama नाम काटोल लगनमस्वामित्रशिवाल्पपात सियालक गतममा साललाई बदिए सोना निधिक मनानेही लिए एडिज कर विष्ट विज्ञान/सिद्वापर नदि० घर पनि हारिया धारित ही स्पादन यमपदपदन ईणि

Page Navigation
1 ... 165 166 167 168 169 170