Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Lalchand
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 164
________________ सागार यात्र यात्र 蝦 प्राधा यात्राघा ४ आत्रा श्री श्रधा ६ पाउमा श्रावाधा ११ पात्राचा यात्रा श्राधा यात्रामा पात्रामा एवं सांगावया पचायतितमादि ६३ तीरमाणभूमिका पाठकी नादिर a प्राणिजार प्राननई श्रमणापासकनई कीमत जानकीवल गतात की निहां गृहीतपरिमाणमाह श्रहा पत्र नदिन विश्रमासकन श्रायास कालश्रमलग माहिला मन विष पान सतिहां जमक की मारनाहिर जत्रा निर्दित्रानविषई श्रमणापासक श्रीयारणासा० प्रथम ग्रहका ताए निताताविना जनसामा जिहिंसायाचा मग आयाणासामर पायाति हिंसा सञ्चातिविज्ञाये (पाल सघाराणा जसिमापाता आयोग त्रामा रामादिसम लिरिका पाइति तिहिंसागावा राणा जिहिंमाणाव जातित्रा सारा साश्रमापात सुपचायतितिहिंसाचा प दिति साश्रमरता पतिताता उपदेशि वासगरिकाना गाजावाजायला सगस माणसात गाइदिन मागावास कार्यवति तारणा विज्ञान पिलाई maa गाताना तिगृहात परिमाणमिकामा हिलामा राई जिि ए० श्रापानसुपाये तिल हिरत्र समाजपत्रसमानानि घारनासक श्राखा ग्राऊडीन जावई विश्रमणापासक नई पानी वरनविषजतिगृहीतमा एकाध की श्रमापासकना या सहकाल प्रादेशी श्रममा जानकी श्री उगडी नई तिगृहातमा का कारण यदि तपायेतिन नई विकल ८2

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