Book Title: Subodh Sanskrit Mandirant Praveshika Part 01
Author(s): Ramkrishna Gopal Bhandarkar
Publisher: Divya Darshan  Trust

View full book text
Previous | Next

Page 206
________________ ईक्ष् ॥. १ मात्मने., प्र + ईक्ष् २. १ | 8tj - स्थान न. मात्मने., सम् + लक्ष. १० . शान३पी अमृत - ज्ञानामृत न. (ज्ञानन. शान + अमृत - न. अमृत.) 31घ - कलङ्क पुं. यi - यत्र (अव्यय) . आयुं - धीमत् विशे., मेधाविन् विशे. ४यां सुधी - यावत् (अव्यय) यो भास - प्रज्ञ पुं., प्राज्ञ पुं., बुध ४यारे - यदा (अव्यय) पुं. .. 1जी - शाखा स्त्री. ७२ - वराह पुं. ॐuj - स्पृह् ।. १० हूणेj - निमग्न (नि + मस्ज् न भू. पृ.) 13 - तरु पुं., वृक्ष पुं., पादप पुं. खूपडं - उटज पुं. २ - विष न. ढलो - राशि पुं. ढize- आवरण न. ढij - छन्न (छद् नु भए। भू. पृ.) टंटो - कलि पुं., कलह पुं. ढीjथयेj - श्लथ विशे.. 2५७j - गल् .. १ ५२स्मै. ८५ - बिन्दु पुं. टेव - व्यसन न. तसी२ - विप्रिय न. टोय - अग्र न. तqj - लुभ् ।.४ ५२स्मै. टोj - यूथ न. तसj - आ + शंस् ।. १ त्मने. त°४१. वाय- परिहर्तव्य विशे. तj - त्यज् ॥. १ ५२स्मै. ४२॥ - शठ पुं., जाल्म पुं., खल पुं., तो - आतप पुं. .. वञ्चक पुं. त५ - तपस् न. ४२ - वञ्चक पु. तपाqj - परि + ईक्ष् . १ आत्मने. ४५ - उपालम्भ पुं. तपेj - संतप्त (सम् + तप् न भू..) ४२शवपुं- अधि + कृ तभे - भवत् सर्व., युष्मद् सव.. 815 - वरम् (मव्यय), सम्यक् | तरत - अचिरात् (अव्यय), अनन्तरम् (अव्यय) (अव्यय), द्रुतम् (अव्यय) હજી સુબોધ સંસ્કૃતમાર્ગોપદેશિકાર ૧૯૩ ગુજરાતી સંસ્કૃત શબ્દકોશ,

Loading...

Page Navigation
1 ... 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242