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तत्व-विभाग
'पच्चीस बोल' के सत्तोक (थोकड़) के
कुहु बोल
सामायिक सूत्र सार्य के लिए अधिक उपयोगी चुने हुए बारह वोल अर्थ सहित । १, २, ३, ४, ५, ६, १०, १४, १८, १९, २२ और २३ वां। योग १२ ।
बोल : १. जो भगवान् या गुरुदेव बोले-वचन, कथन, वात। २. समान, वचन, कथन या वातो का समूह । ३ एक विपय। ४. सूत्रित अनेक विषय। ५. ज्ञान, जिसके द्वारा जानने योग्य, छोड़ने योग्य या आदरने योग्य तत्वो की जानकारी हो। ६. अक, सख्या। यह एक अनेकार्थक वहुप्रचलित और जैन पारिभापिक शब्द है। इसके लिए जैन सूत्रो मे 'स्थान' शब्द का प्रयोग होता है।
स्तोक (थोकड़ा): १. द्रव्य से, जिसके द्वारा शास्त्र के थोड़े मूल-भूत तत्वो का ज्ञान हो। २. क्षेत्र से, जिसके द्वारा थोडे पृष्ठो मे शास्त्र के मूल-भूत तत्वो का ज्ञान हो। ३ काल से, जिसके द्वारा थोडे समय मे शास्त्र के मूल-भुत तत्वों का ज्ञान