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पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्राङ्गण में : २१९
१८ वर्ष के ऊपर के प्रतियोगी के लियेः प्रथम पुरस्कार २५०० रु०
द्वितीय पुरस्कार १५०० रु०
तृतीय पुरस्कार १००० रु० विजेता प्रतियोगियों के नम्बर समान होने की स्थिति में पुरस्कार राशि विभाजित कर दी जायेगी। प्रतियोगिता की भाषा
निबन्ध हिन्दी या अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हो सकते हैं। चयन की प्रक्रिया के निर्धारित मानदण्ड • निबन्ध की गणवत्ता, विचार सम्प्रेषण की स्पष्टता एवं उनका सम्यक् प्रस्तुतीकरण।
निबन्ध में अपने कथन का सप्रमाण प्रस्तुतीकरण एवं आवश्यक स्थलों पर मूल
ग्रन्थों से सन्दर्भ। • भाषा का स्तर। निबन्य मूल्यांकन
प्रतियोगिता में प्राप्त निबन्धों का मूल्यांकन जैन धर्म-दर्शन के तीन लब्धप्रतिष्ठ विद्वानों द्वारा किया जायेगा। चयन-प्रक्रिया • भेजे गये निबन्ध पार्श्वनाथ विद्यापीठ को :२८ फरवरी,२००८ तक स्वीकृत होंगे। • समस्त निबन्धों की फोटो कॉपी बनायी जायेगी तथा प्रतियोगियों के उम्रवर्ग के
आधार पर उन्हें एक विशेष कोड नं० दिया जायेगा। निबन्धों की फोटो प्रतियाँ (बिना लेखक के नाम के) जिनमें कोड नं० अंकित होगा प्रत्येक निर्णायक को भेजी जायेगी। निर्णायकों द्वारा अंकित निबन्ध प्राप्त होने पर उनमें क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के लए चयनित प्रतियोगियों की घोषणा की जायेगी। विजेता प्रतियोगियों के निबन्धों को पार्श्वनाथ विद्यापीठ से प्रकाशित होने वाली शोध-पत्रिका श्रमण के सन् २००८ के प्रथम अंक में प्रकाशित किया जायेगा। विजेता प्रतियोगी को पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी में एक सादे समारोह के
अन्तर्गत सम्मानित किया जायेगा। नोट : कृपया निबन्ध के साथ अपनी पासपोर्ट साइज का फोटो एवं हाईस्कूल
सर्टिफिकेट की फोटो प्रति (Photocopy) अवश्य भेजें। निबन्ध के साथ एक सादे कागज पर अपने पूरे पते एवं फोन नम्बर सहित अपनी शैक्षिक योग्यता का विवरण भी भेजें।