Book Title: Sramana 2007 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 230
________________ जैन जगत् : २२५ गौड़, राज्य शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन भी उपस्थित थे। डॉ० जैन की इस उपलब्धि के लिए पार्श्वनाथ विद्यापीठ उनको हार्दिक बधाई देता है। श्री हरिकिशोर प्रसाद सिंह को पी-एच० डी० उपाधि श्री हरिकिशोर प्रसाद सिंह, पत्रकार मणिकपुर, सरैया, मुजफ्फपुर . को बी ० आर०ए० बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर द्वारा उनके शोध-प्रबन्ध 'आचार्य पद्मकीर्ति विरचित पासणाहचरिउ का सांस्कृतिक अध्ययन' पर पी-एच०डी० की उपाधि प्रदान की गई है। आपने अपना शोध-प्रबन्ध डॉ० मंजुबाला, प्राध्यापक, प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वासोकुंड, वैशाली के कुशल निर्देशन एवं मार्गदर्शन में सम्पन्न किया है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ आपकी इस उपलब्धि हेतु आपको बधाई देता है। श्री अशोक बड़जात्या 'समाजरत्न' से विभूषित श्रवणबेलगोला | दिगम्बर जैन महासमिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व भगवान बाहुबली महामस्तकाभिषेक समारोह २००६, समिति के संरक्षक, वरिष्ठ समाजसेवी उद्योगपति श्री अशोक बड़जात्या, इन्दौर को आचार्य श्री वर्धमान सागरजी महाराज ससंघ के सान्निध्य में श्रवणबेलगोला स्थित चामुण्डराय मण्डप में परम पूज्य जगद्गुरु कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारुकीर्ति भट्टारक महास्वामीजी ने उनके द्वारा प्रदत्त उल्लेखनीय सेवाओं के लिए उन्हें 'समाजरत्न' की उपाधि से विभूषित किया। इस अवसर पर परम पूज्य आचार्य श्री वर्धमानसागरजी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज सेवा का कार्य करना अत्यन्त कठिन है। समाज सेवा के साथ समाज को संतुष्ट करना और भी कठिन है। श्री अशोक बड़जात्या ने सामाजिक कार्य कर समाज को संतुष्टि प्रदान की है, यह एक उल्लेखनीय कार्य है, उन्हें आशीर्वाद है कि वे समाज को संगठित कर तीर्थ रक्षा के कार्यों में भी अपनी सेवाएं प्रदान करें । परम पूज्य जगद्गुरु कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारुकीर्ति भट्टारक स्वामीजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि महामहोत्सव २००६ में अपनी सूझ-बूझ व परिश्रम से श्री बड़जात्या ने जो कार्य किया है वह प्रशंसनीय है वे समाज के बिरले व्यक्ति हैं जिन्हें 'समाजरत्न' की उपाधि से विभूषित करते हुए भू

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