Book Title: Sramana 2006 04
Author(s): Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 187
________________ हिन्दी अनुवाद :- इस प्रकार अमितगति द्वारा कही गयी चित्रमाला ने मुझसे कहा, हे सोमलते! प्रियतम का वचन यथा शीघ्र पूर्ण कर । गाहा : तत्तो तहत्ति भणिउं समुट्ठिया जाव ताहि मे पुट्ठा । चंदण-नामा चेडी कत्थच्छइ कणगमालत्ति ? ।। १३८ । । संस्कृत छाया : ततस्तथेति भणित्वा समुत्थिता यावत्तदा मया पृष्टा । चन्दन नामा चेटी कुत्रास्ते 'कनकमाला' इति २ । ।१३८ । गुजराती अर्थ :- त्यार पछी 'ते प्रमाणे थाओ' एम कहीने जैटलीवारगां उठीने त्यां गई अने में चन्दन नामनी दासीने पूछयु - 'हे चन्दन कनकमाला क्या छे?' हिन्दी अनुवाद :" इसी प्रकार हो" ऐसा कहकर जितनी देर मे मैं उठकर वहाँ गई तो पुत्री न दिखाई देने से "चन्दन" दासी को पूछा? कनकमाला कहाँ है ? गाहा : तीए भणियं एसा उवरिम- भूमीओ उत्तरेऊण । गिह- उज्जाणाभिमुहा गच्छइ विच्छाय-मुह - कमला ।। १३९ ।। संस्कृत छाया : - कनकमालानो पश्चात्ताप तया भणितं एषा उपरितन भूमितः उत्तीर्य । गृहोद्यानाभिमुखा गच्छति विच्छायमुखकमला । । १३९ ।। गुजराती अर्थ :- तेणीए कहयुं! 'ए तो आपणा प्रासादना उपरना माळथी नीचे उतरीने निस्तेज मुखवाळी आपणा उद्यान तरफ गई छे ।' हिन्दी अनुवाद :- उसने कहा - 'निस्तेज मुखवाली वो तो अपने प्रासाद के ऊपरी मंजिल से घर के उद्यान की ओर गई है। ' गाहा : तं सोऊण विगप्पो उप्पन्नो मह मणम्मि एरिसओ । नूणं अलक्खियाए पिउ - वयणं तीए निसुर्यति ।। १४० ।। संस्कृत छाया : तत्छ्रुत्वा विकल्प उत्पन्नो मम मनसि ईदृशः । नूनमलक्षितया पितृवचनं तया निःश्रुतम् इति ।। १४० ।। गुजराती अर्थ :- ते सांभळीने मारा मनमां आवा प्रकारनो विकल्प उत्पन्न थयो. निश्चे छूपि रीते तेणीए पिताना वचन सांभळया हो । Jain Education International 181 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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