Book Title: Sramana 2000 01 Author(s): Shivprasad Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi View full book textPage 3
________________ ६६-७५ विषय-सूची हिन्दी खण्ड १. जैन दर्शन में निक्षेप : एक विवेचन - डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय १-७ २. जैन ज्ञान मीमांसा - एक अवलोकन - डॉ. विजय कुमार ८-२९ ३. शूबिंग महोदय द्वारा सम्पादित आचारांग और इसिभासियाई की भाषा की तुलना - डॉ. के.आर. चन्द्र ३०-३२ सम्यकत्त्वपच्चीसी - डॉ. मुन्नी जैन ३३.४५ ५. महाभारत एवं आदिपुराण में शिवतत्त्व - डॉ. पुष्पलता जैन ४६-५० खरतरगच्छ-लघुशाखा का इतिहास - डॉ. शिवप्रसाद ५१-६२ ७. महावीर निर्वाण भूमि पावा - डॉ. ओमप्रकाश श्रीवास्तव ६३.६५ आदिपुराण में विश्व सौन्दर्य - डॉ. श्रीरंजनसूरि देव ९. अभिज्ञानशाकुन्तलम् में अहिंसा के तत्त्व - डॉ. मधु अग्रवाल ७६-७९ १०. महावीर का साधना मार्ग - श्री दुलीचन्द जैन ८०-८६ ११. तंत्र-मंत्र एवं साधना विधि - श्री महेन्द्र कुमार जैन ८७-९३ १२. भारंड पक्षी - श्री भंवरलाल नाहटा ९४-९८ १३. अहिंसा की परिधि में पर्यावरण संतुलन - डॉ. पुष्पलता जैन ९९-१०५ १४. अमरकोश में शिवतत्त्व - श्री. ओमप्रकाश सिंह व १५. स्व. श्री शान्तिभाई बनमाली शेठ : एक परिचय १६. आदर्श परिवार की संकल्पना : जैन धर्मशास्त्रों के परिप्रेक्ष्य में १११-११३ - प्रो. भागचन्द्र जैन 'भास्कर' ગુજરાતી ખંડ ૧૭. હરિભદ્રસૂરિનું જ્ઞાનતત્ત્વચિન્તન - પ્રારસિકલાલ છોટાલાલ પારિખ ૧૧૪-૧૨૩ अंग्रेजी खण्ड 18. Technical Science in Jaina Canons 124-129 - Dr. N.L. Jain 1. Divine Essence of Arhat & Tirthankara 130-136 --- Dr. M.R. Mehata 20. Anekasandhānakävya -Dr. 'shc. K. Sirign 137-150 21. Jaina Version of Mahābhārata - Prof. B.C. Jain 151-165 22. Presidential Address of Professor Y.C. Simhadri 166-170 २३. पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्रांगण मे १७१-१८९ २४. जैन-जगत् १९०-२०१ २५. साहित्य-सत्कार २०२-२२१ i०९-११० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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