Book Title: Sramana 1994 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 65
________________ सागरमल जैन की लगभग 14 पृष्ठों की महत्त्वपूर्ण एवं सारगर्मित भूमिका दी गयी है जिससे कृति का महत्त्व द्विगुणित हो गया है। कृति में संकलित सूक्तियाँ मानव जीवन के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालती है। पुस्तक अनेक दृष्टियों से उपयोगी एवं संग्रहणीय है । पुस्तक -- स्वयम्भूस्तोत्र-तत्त्वप्रदीपिका (चतुर्विशति जिनस्तोत्र- तत्त्वप्रदीपिका ); लेखक -- प्रो. उदयचन्द्र जैनः प्रकाशक -- श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, वाराणसीः प्रकाशन वर्ष-- 19933 मूल्य -- अजिल्द -- पचास रुपये, सजिल्द -- साठ रुपये आकार -- डिमाई पेपर बैक जैन चिन्तकों में समन्तभद्र अग्रगण्य है। स्तुतियों के माध्यम से जैन दर्शन का प्रस्तुतीकरण और अन्य दार्शनिक विचारधाराओं की समीक्षा करने वाले जो आचार्य हुए हैं उनमें सिद्धसेन व समन्तभद्र का स्थान महत्त्वपूर्ण है। दोनों ही आचार्यों की इस विद्या में अपनी विशिष्टता है। समन्तभद्र की कृतियों में आप्त मीमांसा व स्वयंभूस्तोत्र दोनों ही जैन दार्शनिक चिन्तन के उत्कर्ष के सूचक है। स्वयंभूस्तोत्र में उन्होंने चौबीस तीर्थंकरों की स्तुति के माध्यम से जैन सिद्धान्तों के रहस्य का गूढ किन्तु मुखर प्रतिपादन किया है। प्रो. उदयचन्द्र जैन, जैन विद्या के वरिष्ठ विद्वान् है। उन्होंने मूल संस्कृत श्लोकों का न केवल सामान्य अर्थ प्रस्तुत किया है अपितु विशेषार्थ के माध्यम से उनकी सम्यक् व्याख्या भी प्रस्तुत की है। जो जन-साधारण व विद्वान् दोनों के लिए ही बोधगम्य है। क्लिष्ट विषय को भी उन्होंने जिस सरलता के साथ अपनी व्याख्या में स्पष्ट किया है, वह अभिनन्दनीय है। यद्यपि स्वयंभूस्तोत्र पर काफी कुछ लिखा गया है किन्तु उन सब में हिन्दी व्याख्या की दृष्टि से यह कृति सर्वोत्तम है। प्रारम्भ में उनके द्वरा लिखित प्रस्तावना भी महत्त्वपूर्ण है। ऐसे उत्कृष्ट प्रकाशन के लिए श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, नरियाँ, बधाई का पात्र है। कृति पठनीय और संग्रहणीय है। मूल्य भी उचित ही है। साज-सज्जा आकर्षक है। पुस्तक -- तत्त्वार्यसूत्रना आमम आधार स्थानोः आगम पाठ संशोधक -- मुनि दीपरत्नसागर, प्रकाशक -- अभिनव श्रुत, प्रकाशन प्रकाशन वर्ष -- 19913 मूल्य--; आकार --डिमाई पेपर बैंक Jain Education International For Date & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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