Book Title: Sramana 1990 04
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 105
________________ सातवें अध्याय में प्रबन्धकोश की अन्य प्रमुख प्रबन्ध ग्रन्थों यथा प्रभावकचरित, प्रबन्धचिन्तामणि, पुरातनप्रबन्धसंग्रह, विविधतीर्थकल्प और कृत भोज-प्रबन्ध से तुलना की गयी है। ऐतिहासिक ग्रन्थों में विक्रमाङ्कदेवचरित और राजतरंगिणी से तुलना की गयी है। प्रबन्धकोश के ऐतिहासिक विवेचन में उसे एक नये दृष्टिकोण से परखा गया है। इसके वस्तुनिष्ठ विवेचन और विश्लेषण का यह प्रथम विनम्र प्रयास है । यह ग्रन्थ इतिहास व इतिहास-दर्शन की कसौटी पर खरा उतरता है निष्कर्ष यह है । कि ऐतिहासिक तथ्यों एवं इतिहास-दर्शन के प्रमुख तत्वों की दृष्टि से राजशेखरसूरि के प्रबन्धकोश में वर्णित प्रबन्ध ऐतिहासिक हैं और यह ग्रन्थ इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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