Book Title: Sramana 1990 04
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 107
________________ विद्याश्रम की गतिविधियां विगत ३ माहों में विद्याश्रम की गतिविधियाँ निम्न रहीं (१) २२ मार्च को विद्याश्रम के प्रांगण में नवस्थापित रुक्मिणी देवी दीपचन्द गार्डी प्राकृत एवं जैन विद्या उच्च अध्ययन केन्द्र की औपचारिक उद्घाटनविधि श्रेष्ठिवर्य श्रीदीपचन्दजी गार्डी के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता तिब्बती उच्च अध्ययन संस्थान, सारनाथ के निदेशक प्रो० समदोण रिपोछे ने की। इसी अवसर पर संस्थान के नवीन प्रकाशनों के विमोचन का भी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। विमोचनकर्ता विद्वानों में प्रो० अवधकिशोर नारायण, विस्कोन्सिन यूनिवर्सिटी यू० एस० ए०; प्रो० नित्यानन्द मिश्र, भागलपुर विश्वविद्यालय; श्री ओ० पी० टण्डन, विशेषकार्याधिकारी, का० हि० वि० वि; प्रो० भोलाशंकर व्यास, का० हि. वि० वि०; श्री चन्दनमल चांद आदि थे। इस अवसर पर शोध संस्थान की संचालक समिति के अध्यक्ष श्री विजय कुमार जी मोतीवाला, उपाध्यक्ष श्री नृपराज जैन, श्री किशोरवर्धन जैन, कोषाध्यक्ष श्री सुमतिप्रकाश जैन, सहमंत्री श्री शोरीलाल जैन तथा स्थानकवासी जैन कान्फ्रेन्स के अध्यक्ष श्री पुखराज जी लुकड़ आदि की उपस्थिति विशेषरूप से महत्त्वपूर्ण थी। इस अवसर पर विमोचित ग्रन्थ इस प्रकार हैं१. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग १.३ द्वितीय संस्करण .. २. हिन्दी जैन साहित्य का इतिहास, खण्ड-१ ३. चार तीर्थङ्कर (द्वितीय संस्करण) 8. Jainism : The Oldest Living Religion 2nd Edition ५. स्याद्ववाद और सप्तभंगी : आधुनिक व्याख्या ६. जैनमेघदूतम् : मूल, वृत्ति एवं विस्तृत व्याख्या Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118