Book Title: Snatrapooja
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैनाचार्य बुद्धिसागर सूरिकृत स्नात्रपूजा. स्नात्रविधि. प्रथम दुध, दहि, घी, केशर, फुल अने जळनुं पंचामृत करी बे कलश एक पाटली उपर चोखाना बे स्वस्तिक करी ते उपर मूकवा. कळशने महोडे नाडाछडी बांधवी. एक त्रण बाजोठy सिंहासन करी ते उपर प्रभुनी पधरामणीनुं सिंहासन मूकी तेमां एक रकेबीमा केशरना बे स्वस्तिक करी, त्रण नवकार गणी एक धातुनी पंचतीर्थी प्रतिमाजी तथा एक सिद्धचक्रजीनी प्रतिमाजी पधराववा. प्रतिमाजीनुं मुख उत्तर वा पूर्व तरफ राखी पधरावबां. प्रतिमाजी नीचे एक पैसो मूकवो. सिंहासनना वचला बाजोठ उपर चोखानो एक स्वस्तिक करी एक फळ मूकबु. प्रतिमाजी पधराववाना सिंहासनना एक छेडे नाडाछडी बांधवी. एक रोषी थोडां बूटां फुल तथा केशरवाला चोखा करी राखवा अने बामर, दर्पण, पंखो, घंट, विगरे सामान For Private And Personal Use Only

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