Book Title: Snatrapooja
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org शान्तिजिनपूजा. दुहो. क्षायिकनवलब्धि प्रभु, शान्तिनाथ जगदेव; द्रव्यभावथी शान्तिने, पामो करीने सेव ॥ १ ॥ ढाळ, सहजानन्दस्वनावे शान्ति, केवलज्ञाननी शोभे कान्ति; टाळे सर्वजीवांनी ज्रान्ति, आपे तन्मय यातां क्षान्ति; चोस इन्द्रो सारे सेवा, पूजुं प्रणमुं शान्ति देवा ॥ २ ॥ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( फूल चढाव. ४ ) नेमिनाथ पूजा. दुद्दा. केवलज्ञानमां नासतुं, अणुसम विश्व सदाय, ते नेमि प्रभुपूजीए, भावब्रह्म प्रगटाय. ॥ १ ॥ ढाल. बाल्यथकी जे ब्रह्मव्रतधारी, अनन्तशक्तिमय अवतारी, केवलज्ञानथी जगहितकारी; मोहशत्रु हणी ए मोहारि, नेमिजिनेश्वरने पूजीजे, प्रभुस्वरूप थै प्रभु प्रणमीजे ॥ २ ॥ ( फूल चढावं ३ ) For Private And Personal Use Only

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