Book Title: Snatrapooja
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ६ कोजे, वीर बनी महावीरने जजोए, कायरता दुर्गु णने तजीए, प्रभुचरणे कुसुमाजलि धरीए, धीर वीरता वेगे वरी: देहाध्यास तजी वीर था. ते माटे वीर गातुं ध्यावुं ॥ २ ॥ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( फूल चढाव ५ ) ॥ अथ सर्वजिनपूजा ॥ सकल जिनेश्वर प्रेमे पूजो, अशुभकर्मथी भविजन धूजो; कुसुमांजलि जिन चरणे धरीए, सहज स्वभावे शिवपुर वरीए ॥ २ ॥ कुसुमांजलि पूजो सर्व जिनन्दा, तुज चरणकमल सेवे चोसव इंदा. ( फूल चढाव. ६ ) इति चोवीश जिनपूजा, ॥ सर्व जिनपूजा ॥ ढाळ. पन्नरक्षेत्रे अतीतकालमां, वर्तमानमां वर्त्तेजी, भाविकाले थाशे जे जिन; वीतरागगुण शर्तेजी, एकसो ने सित्तेरतीर्थकर, उत्कृष्टा जे कालेजी. फूजुं For Private And Personal Use Only

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