Book Title: Siddhi Sopan
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

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Page 20
________________ M -- ( २० ) अस्त्यात्माऽनादिवद्धः स्वकृतजफलभुक् तत्क्षयान्मोक्षभागी | ज्ञाता द्रष्टा स्वदेह-अमितिरुपसमाहार - - धौव्योत्पत्ति - व्ययात्मा स्वगुणयुत इतो नाऽन्यथा साध्य - सिद्धिः ॥ (३) स त्वन्तर्बाह्यहेतु-प्रभव- विमल-सद्दर्शन - ज्ञान-चर्या - सम्पद्धेति प्रयात- क्षत-दुरिततया व्यंजिताऽचिन्त्य - सौरैः । कैवल्यज्ञान-दृष्टि-प्रवर सुख-महावीर्य - सम्यक्त्व-लब्धि - ज्योतिर्वातायनादि (द्यैः स्थिर-परमगुणैरद्भुतैर्भासमानः ॥

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