Book Title: Siddhi Sopan
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

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Page 22
________________ Newwwwwwwwwwwwwww (२२) । अन्यैश्चान्य व्यपोह-प्रवण-विषय-सं प्राप्ति-लब्धि-प्रभावरूचं व्रज्या-स्वभावात्समयमुपगतो धान्नि सन्तिष्ठतेऽये ॥ । अन्याकाराप्तिहेतुर्न च भवति परो___ येन तेनाऽल्पहीनः, प्रागात्मोपात्तदेह-प्रतिकृति-रुचिरा__ कार एव ह्यमूर्तः। क्षुत्तृष्णा-श्वास-कास-ज्वर-मरण-जरा निष्टयोग-प्रमोह। व्यापत्याधुग्रदुःख-प्रभव-भवहतेः कोऽस्य .सौख्यस्य माता ॥ were-pow-wereewwwewww ..hahahahahahahahaha wide tih izdata which G.......... ...... ..... ..

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