Book Title: Siddhi Sopan
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

View full book text
Previous | Next

Page 32
________________ ( ३२ ) AAAA करता तृप्त सुवचनामृतसेसभाजनोंको औ करता - ईश्वरता सब प्रजा - जनोंकी, अन्य - ज्योति फीकी करता ॥ ( ९ ) आत्माको, आत्म-स्वरूपसे, आत्मामें प्रतिक्षण ध्याताहुआ सोतिशय वह आत्मा यों, सत्य-स्वयम्भू-पद पाता । www⌁ १ परमात्मज्योतिसे भिन्न दूसरी संपूर्ण ज्योति अथवा दूसरोंकी - कल्पित ईश्वरें, देवतामन्यों और आप्ताभिमानियों आदिकी - ज्ञानज्योति एवं प्रभा । २ अतिशयसहित, महान्, महात्मा । fifotosterone constantargate potosm stavate rate

Loading...

Page Navigation
1 ... 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49