Book Title: Siddhi Sopan
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya
View full book text
________________
dowwwwwwwwwwvor v .
lomme
wrim
AM
(२४) । आतंकातेरभावे तदुपशमनसद्
भेपजाऽनर्थतावद, । दीपाऽनर्थक्यवद्वा व्यपगत-तिमिरे है दृश्यमाने समस्ते ।।
तादृक् सम्पत्समेता विविधनय-तपः। संयम-ज्ञान-दृष्टि, (चर्या-सिद्धाः समन्तात्पविततयशसो
विश्व-देवाधिदेवाः। भूता भव्या भवन्तः सकलजगति ये
स्तूयमाना विशिष्टैः, . . . . तान्सर्वान् नौम्यनन्तानिनिगमिपुररं,
तत्स्वरूपं त्रिसन्ध्यम् ॥
n hamsteriori information tilaamattmattitaitoire bondage

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49