Book Title: Siddhant Swadhyaya Mala - Uttaradhyayan Dashvakalik Nandi Uvavai Sukhvipak Sutrakritang
Author(s): Hiralal Hansraj
Publisher: Hiralal Hansraj
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॥ श्री नन्दीसूत्र मूलपाठः ॥
इति ।
(१०३)
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४
३
५
६ ७
८
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९
१.२
१०
सेल - घण, कुडग, चालणि, परिपूणग, हंस. महिस, मेसे य, मसग, जलूग, बिराली जाहग, गो,
१३
१४
मेरी आभीरी ॥ ५१ ॥
" सा समासओ तिविहा पन्नत्ता तंजहा जाणिया, अजाणिया, दुब्बियड्डा" जाणिया जहा खीरमित्र, जहा हंसा जे घुट्टन्ति इह गुरुगुण समिद्धा दोसे थ विवर्जति तं जाणसु जाणियं परिसं ॥५२॥ अजाणिया जहा - जा होइ पगइमहुरा मियछावय सीह कुक्कुडय भूआ । रयणमिव असंठविया । अजाणिया साभवे परिसा ।। ५३ ।। दुद्द्वियड्ढा जह - नय कत्थइ निम्माओ न य पुच्छइ परिभवस्स दोसेणं । वत्थववाय पुण्णो फुट्टह गामिल्लयवियड्डो दुधियड्डो ॥ ५४ ॥ ( सूत्र ) नाणं पञ्चविहं पन्नतं, तंजा - आभिणि बोहियनाणं सुयनाणं, ओहिनाणं, मणपञ्जवनाणं, केवलनाणं ॥ १ ॥ तं समासओ दुविहं पणतं, तंजा - पच्चक्खं च परोक्खं च || सू० २ ।। से किं तं पच्चक्खं ? पच्चक्खं दुविहंपण्णत्तं, तंजडा इंदियपच्चक्खं । नोइंदियपञ्चक्खं च ।। सू० ३ || से किं तं इंदिय पच्चक्खं ? इंदियपचक्खं पञ्चविहं पण्णत्तं, तंजहा- सो इंदियपच्चक्खं । चत्रिंखदिय पच्चक्खं । घाणिदिय पच्चक्खं । जिभिदिय पच्चक्खं । फासिंदिय पच्चक्खं । सेतं इंदियपच्चक्खं ।। सू० ४ ।। से किं तं नोइंदियपचक्खं ? नोइंदियपच्चक्खं तिविहं पण्णत्तं तं जहा - ओहिनाण पच्चक्खं । मणपज्जवनाण पच्चक्खं । केवलनाण पच्चक्खं ॥ ५ ॥ से किं तं ओहिनाण पञ्चक्खं ? ओहिनाण पच्चक्खं दुविहं पण्णत्तं, तं जहा - भवपच्चइयंच खा ओवसमियं च || ६ || से किं तं भवपच्चइयं १ भवपच्चइयं दुण्हं, तंजहा - देवाय नेरइयाय ॥ ७ ॥ से किं तं खा ओवसमियं ? स्वा ओवसमयं दुण्हं, तंजहा - मणूसाण य पंचेंदिय तिरिक्ख जोणियाण य । को देऊ खाओवसमियं ? खाओवसमियं तयावरणि जाणं कम्माणं उदिष्णाणं खणं अणुदिण्णाणं उवसमेणं ओहिनाणं समुप्पजइ । सू० ८ || अहवा गुण
१
विनस अणगारस्स ओहिनाणं समुप्पजड़ तं समासओ छविहं पण्णत्तं, तंजहा - आणुगामियं,
२
३
६
अणाणुगामियं, वडमाणयं, हीयमाणयं, पडिवाइयं, अपडिवाइयं || ६ || से किं तं आणुगामियं आगामियं ओहिनाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा - अंतगयं च मज्झगयं च । से किं तं अंतगयं ? अंतगयं तिविहं पण्णत्तं तेजहा पुरओ अंतगयं ९ मग्गओ अंतगयं । पासओ अंतगयं से किं तं पुरओ अंतगयं ? पुरओ अंतगयं से जहा नामए केइ पुरिसे उक्कवा चडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जोई वा पुरओ काउं पणुल्लेमाणे २ गच्छेज्जा, से तं पुरओ अंतगयं । से किं तं मग्गओ अंतगयं ? मग्गओ अंतगयं से जहानामए केइ पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मणि वा पईवं वा जोई वा मग्गओ काउं अणुलडूढेमाणे २ गच्छिजा, से तं अंतगयं । से किं तं पासओ अंतगयं ? पासओ अंतगयं सेजहानामए केइ पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मणि चाप वा जोई वा पासओ काउं परिकड्ढे माणे २ गच्छिज्जा, से तं पासओ अंतगयं से तं अंतगयं । से किंत मज्झगयं ? मज्झगयं से जहा नामए के पुरसे उक्त्रं वा चडुलियं वा अलायं वा
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