Book Title: Siddhant Kaumudi Vyakhyan Vyakaran
Author(s): Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 456
________________ निरिनिमावाअतिशनाख्खाइनिाव्यस्यजानेवास्वनः प्रकीयकर्षयोयोनारपवाअरूपत्वात घटतरइनियोगाभावानायगास्पैवप्रकर्षसाहारानडव्यस्यजानेऽप्रबोधायाधतम इनिघकालनधित्यूलम्विधानालिंगासननादवनद्धिनाअन्यथाश्वहितमाश्वीहतरार मितिनस्यादिन्यताएतेनप्रातिपदिकातमबादयाइतिरत्यादिस्वरसोनिरस्तापिपासनादि सूततापूवर्तन सौविभक्तांनइनिभाष्याचाअत्रेदमवधेयात्री शिक्कानिवखाशियकीयक यतानिनचरमेपलातरतरतितरबंनानरयानातिअनभिधानान्नेन्सनरोनरवल विबहनांवनरामविनयकेनताहतमयनिभायेतवारवंतल्पन्पायवानमना नतमबित्पबधेयविदेउश्रष्ठनमायकमगइन्पवेष्ठन्नेनास्वाधनमशंछदासदृशानुविधरिति न्यायादिनिदिशानिडापातिपदिकत्वाभावादपावचीतमस्पादिनिधनादीगावच नादेवनिनियमादिएनौकनिभावातरममयो प्रानिशापनिकप्रकरगौलाधवानोदाचायती Dharmartha Trust J&K. Digitized by eGangotri

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