Book Title: Siddhant Kaumudi Vyakhyan Vyakaran
Author(s): Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 474
________________ इनिउकललगानाक्रानवाहवयीनप्रनिनिरितिभावालुम्मनुष्य लिंगार्थलधिधानासख्या नुविधेयर्वदेवाचंचेमनुष्यावितिातडतीहरीतक्यादिषुव्यनिरिनिवासदेवइत्यादिायापनिमा रहीत्वामित्ताधरहाइहमतिनाएवमुच्चनीदेवलकानामिनितिएवात्रमितवानिमतावर्षी पजीविकायंदेवान्यजयनितेदेवलकानिघायास्वायन प्रतिष्ठापनेपूज्यनेचनाल वतरमशालुशनचाची सपूजनाबिचित्रकर्मध्वजैघुचाइवेप्रतिकृती लोयनादेवय थोदिधिनिचास्वशिव विचित्रकर्मशिअर्जुनराधड्याकथितसिंहांगडाहतिकानिति रार्मसीनीलमयाजावकाथविकीरानियोनरसंचाधिकाधिकॉस्मिन्न यधेयायशवनवान व्यर्थ प्रहपंडितनवाधिकाधकाचा राष्ट्रदिवार्थपोसमासांच्चाइवार्थविषयादिनिाअनएव जापकासातवासमाससबसमाविशेषविनिमक्कासीपिछयत्पयविधपरावतिनस्वा निसमुयाध्यनरपागावह बनातवदनिभायेवकाकागमनमिवनालयतनामिकाकतालका Dharmartha Trust J&K. Digitized by eGangotri

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