Book Title: Shrutsagar Ank 2013 04 027 Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अप्रैल - २०१३ अवसर बीजो. तारे ते तीर्थ, ए अर्थमां आ ज्ञानमंदिर श्रुततीर्थ छे. चैत्र वद - १ना दिवसे श्रुततीर्थ तरफथी स्थावर तीर्थ अने जंगम तीर्थनी उपासना स्वरूप रास पद्माकरनो बीजो भाग प्रकाशित थई रह्यो छे. आ संपादन द्वारा आपणा विसराई गयेला इतिहास अने वारसाने साहित्यना माध्यमे कागळमाथी बेठो करवानो नम्र प्रयास करवामां आव्यो छे. आपणो भव्य भूतकाळ चैत्यपरिपाटी जेवी रचनाओमां तो आजेय वर्तमान छे. जिनालयो अने जिनबिंबोनी संख्या, प्रतिमा भरावनार अने प्रतिष्ठा करावनार जेवी केटलीय अप्रगट विगतोनो उल्लेख आ चैत्यपरिपाटी अने तीर्थ स्तवनोमांथी मळतो होय छे. तो साथ-साथे आपणी परंपरामां थयेला विशिष्ट गुरुभगवंतोना जीवननो परिचय पण मळतो होय छे. स्थावर तीर्थोपासना :- ज्ञानमंदिरमा संगृहीत अप्रकाशित ऐतिहासिक चैत्य परिपाटी, तीर्थ स्तवनो आ विभागमा संगृहीत छे. जंगमतीर्थोपासना :- आ विभागमा अप्रकाशित निर्वाण सज्झायो अने रासनुं संपादन करवामां आव्युं छे. अवसर चीजो कैलास श्रुतसागर ग्रंथसूचिनो १४ अने १५मो भाग आ ज दिवसे प्रकाशित थई रह्यो छे. केटलॉग पद्धतिमा जेनं स्थान शिरमोर अने अग्र क्रमांके रह्यं छे. एवी अद्यतन पद्धति द्वारा केटलॉगने माहिती सभर बनाववानो प्रयास करवामां आव्यो छे. आ कार्य बे जाडा पूंठा वच्चे देखाय छे, एटलुं सरळ नथी. आ कार्य उपर त्रण ऋतुना तडका-छांया पडे त्यारे एक भागनुं दळ संपन्न थतुं होय छे. पंडितवों अने सहयोगी मित्रोनी एक सरखी लगन अने महेनत वगर आवा विशिष्ट सूचि कार्यो संपादित के प्रकाशित थवा असंभव छे. आ त्रणेय प्रकाशनोनुं विमोचन परम पूज्य श्रुतोद्धारक परम श्रद्धेय पूज्य आचार्यभगवंत श्री पद्मसागरसूरि महाराज साहेबनी पावन निश्रामां मुंबई नजीक लोढा धाम प्रतिष्ठा महोत्सव दरम्यान थवानुं छे. पू. गुरुभगवंतनी निश्रा मळवाथी प्रकाशनना आ त्रणेय अवसरमा अनेरी अपूर्वता भळी छे. For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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