Book Title: Shrutsagar 2019 12 Volume 06 Issue 07
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
SHRUTSAGAR
27
December-2019
॥ घात ॥ इ(इं)दिय पंच य च्यारि कसाया, अव्वय पंच मणो-वय-काया, तिन्नि वि एए जोग। पंचवीस किरिया, तह कहियइ, बीयालीस य भेया लहीयइं, इम आसव संजोग। पहिली काइय अहिगरिणीया, पाउसिया तह परितावणीया, पाणिबहाः आरंभा। परिगहिया तह मायावत्तिय, नवमी मिच्छादसणवतिय, दसमी अविरइ लंभ ॥१४॥ दिट्ठिय पुट्ठिय किरि पाडुच्चिया, तह सामंतोवणिय समुव्वियी, नेसत्थि य संजोग। साहत्थिय तह आणवणीया, अट्ठारसमी वेयारणीया, तह वेवाणा भोग ॥ वीसमिया णवकंखा पव्विय, पाउसिया समुदाण तहव्विय, हे पिज्जप्पच्चिय हेव। दोसप्पच्चिय इरियावहिया, किरिया एया सव्वा कहिया, पणवीस य संखेव ॥१५॥
॥भास ॥ पंचइए समिइ तिय गुत्ति दसहिं भेएहिं साहूण धम्मभावणए। बारस हुँति पंचपयर चारित्त सम्म बिहुं करीए॥ आग्गल वीस सयल परीसह जाणियए। संवरए सत्तं पचास भेयहिं एम वखाणियए अणसणए ऊणयरिय, वित्तिसंखेवण रसहचाय। पंचमए कायकिलेस, संलीणय तव बज्झजाय ॥ तह सुहएकुण(?) पच्छित्त, वेयावच्चह काउयसग्ग। विणयहए करण सज्झाय, इय अन्भिंतर तवह मग्ग
॥१७॥ गिण्हईए दलिय जे जीव कम्मजुग्ग णिसुव्विय पएस। जं चियए हुइ अवठाण ते सिसो कहियइ ठिइ निवेस ॥ तत्थ जुए महुर कडुयाइ असुह वा सुह वा सुहरस सोणुभाग। एय हए मिलणि होइ चउ पत्थउ गई संठिई विभाग
॥ भास॥ संत पयट्ठावण पढम बीयउ दव्वपमाण। तइय खित्तु फुसणा तुरिय पंचमकाल सुजाण
॥१९॥ छट्ठउ अंतर सत्तम य भागट्ठम तह भाव। नवमउ अप्पबहुत्त इम मुक्ख न(त)त्त सब्भाव
॥१६॥
॥१८॥
॥२०॥
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36