Book Title: Shrutsagar 2019 12 Volume 06 Issue 07
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
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SHRUTSAGAR
December-2019
गुजराती माटे देवनागरी लिपिके हिन्दी माटे गुजराती लिपि?
हिन्दवी (गतांकथी आगळ..) ___ आ आपकथनीनी चालता विषयने वळी वधारे स्पर्शती विगत आ, के हुं हिन्दु छु ओलादे, पण म्हारां धर्म मंतव्यो जे होय ते केटलां “हिन्दु” हशे केटलां नहीं, ते हुं पोते नथी जाणतो। हिन्दी-ऊर्दु प्रदेशवासी “सनातनी"
हिन्दुओ म्हने साचा हिन्दु लेखे ना पण स्वीकारी शके । परंतु हुं हिन्दवी (इन्डियन Indian) तो छु, हिन्दवी देशभक्ति म्हारी पण भावना छे, हिन्दु अने मुस्लिम बंने म्हारा भाईओ छे, सगा भाईओ छ । सर सैयद आमद- पेलुं महावाक्य, “हिन्दु अने मुस्लिम हिन्द बे आंखो छ,” ते म्हने अक्षरशः मान्य छ । वळी आ बधुं अहीं नग्नरूपे जणावु छु, म्हारी फोकियत लेखे मुद्दल नहीं । आजे आपणा हिन्दमां भणेलाओ छीए, तेमांना घणा घणा जन्मे हिन्दु इसमोनुं मानस “सनातनी” नहीं, आ प्रकारनुं छे, ए वस्तुस्थिति बनती स्पष्टताथी दर्शावी देवानो ज हेतु छे अने हिन्दवी भणेलाओमांथी जे मोटी संख्या- मानस “सनातनी” नथी “आर्यसमाजी” नथी अने आq छे, तेमना वाचाळ प्रतिनिधि लेखे चोक्खं कही देवा इच्छु छु के हिन्दी-ऊर्दु भाषाना विशाळ प्रदेशमां वसती संकर जनता साथे ऐक्य वधारवाना मार्ग एक नहीं, अमने तो बे जणाय छे, एकबीजाने समान अने समान्तर । ऊर्द लिपिना प्रचारनो आग्रह एकला मुस्लिम बंधुओए शाने धरवो? आपणे पण केम एने माटे जेटलो देवनागरी लिपिना प्रचार माटे धरीए तेटलो न धरवो? मात्र लिपि फेलातां ते जे भाषानी ते भाषाना ज्ञानफेलावमां थोडो ज लाभ मळी शके, ए तो उपर कहेवाय गयु । पण जेटलो देवानगरीना फेलावथी हिन्दीभाषाना फेलावमां लाभ थवो संभवित तेटलो उर्दु लिपिना फेलावथी ऊर्दु भाषाना फेलावमां पण संभवित। ऐक्यवृद्धि जेटली हिन्दीज्ञान फेलावा वडे तेटली ऊर्दुज्ञान फेलावा वडे पण अने हिन्दी-ऊर्दु भाषाशास्त्रमा बे भाषा गणी शकाय एटली भिन्न छे नहीं। हिन्दीना फेलाव साथे ऊर्दुनु ज्ञान फेलाशे । ऊर्दुना फेलाव साथे हिन्दीनो पण थवानो। देवनागरी लिपि शीखवामां हिन्दुओने स्हेली पडी जाय एवं पण नथी। हुं तो उर्दुलिपि आखी एक ज दिवसमां शीख्यो हतो, अने कोईपण एकाग्र अभ्यासमां टेवायेलो जिज्ञासु बहु थोडा वखतमां शीखी शके छ ।
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