Book Title: Shrutsagar 2019 05 Volume 05 Issue 12
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 25 SHRUTSAGAR May-2019 गुरू-गउरु-गॉर गुड-गुलु-गउलु-गॉळ मृत्यु-मुत्तु-मउत-मौत (हिंदी)-मॉत मुख-मुह-म्हउ-म्हाँ उषर-अउषर-ऑखर + उषा-अउषा-आँखा उत्तर-अउत्तर-ऑतर बुन (व्हेन शब्दनुं ग्राम्य रूप) –बउन-बान प्रयत्न केवळ बोलीनो ज विषय होवाथी अने प्रांतभेदे तेमां फेरफार रह्या करतो होवाथी अमुक संस्कृत के प्राकृत शब्दोमां अमुक ज स्वरो पर प्रयत्न होवो जोइए, एवो एक सामान्य नियम स्थापवो मुश्केल छ । मूळ शब्दो अने तेमनां वर्तमान रूपो तथा उच्चारणो उपरथी बोलीमां थती विकृति अने प्रयत्नोनी असरनु पगेरूं ज मात्र काढी शकाय छे। (४) श्री. नरसिंहरावे आ विषय पोताना Gujarati Language and Literature Vo.I मां खूब विस्तारथी चयॊ छ । अइ अने अउ मांना अ उपरना प्रयत्नने तेओश्री विवृत ऍ-ऑ नो साधक तथा इ उपरना प्रयत्नने संवृत ए-ओ नो साधक जणावे छे । तेमने मते अइ अने अउ प्रतिसंप्रसारण पामी अय्-अव् थाय छे अने पछी विवृत ऍ-ऑ थाय छ। ____ अय्-अव् ना आ माध्यमिक उच्चारणनो आधार तेओश्री वैर-वइर, बैठा-बइठा, गौरी-गउरी इत्यादिने माटे जूना गुजराती साहित्यमां कोइ कोइ वार वयर, बयठा तथा गवरी जेवां य-व कारवाळां रूपो उपलब्ध थाय छे ते उपर राखे छे । तेवी ज रीते हैरान अने कौल जेवा फारसी शब्दोनी मूळ जोडणी हय् रान अने कव् ल मांना य् कार व् कार ने तेओश्री गुजराती हरान-कॉलमांना विवृत उच्चार माटे आधाररूप माने छ। अय्, अइ अने ऐ मां तथा अव्, अउ अने औमां उच्चारणनो भेद सूक्ष्म छे। श्रुतिनी मात्राने हिसाबे तेमांथी सूक्ष्म भेद शोधी शकाय छे, परन्तु लोकप्रचलित बोलीमा ए भेद एटली सूक्ष्मताथी जळवाइ रह्यो होय के लहियाओए ते पारखीने तेने अनुरूप +आवा विशुद्ध स्वरमां पण व्यंजनमिश्रित स्वरना जेवा उच्चारणनी लोकसमजने कारणे (अ) अ-उ जेवो उच्चार प्रचलित थयो होवो जोईए. For Private and Personal Use Only

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