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श्रुतसागर
मई-२०१९ अनुक्रम १. संपादकीय
रामप्रकाश झा २. गुरुवाणी
आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी ३. Awakening
Acharya Padmasagarsuri ४. ज्ञानसागरना तीरे तीरे डॉ. कुमारपाल देसाई ५. चार कषाय सज्झाय
डिम्पलबेन शाह ६. श्री नारंगा पार्श्वनाथ स्तवन गणि सुयशचंद्रविजयजी ७. गुजराती बोलीमा विवृत अने संवृत ए-ओ
चुनीलाल वर्धमान शाह ८. श्रुतसेवा के क्षेत्र में आचार्य
श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर का योगदान
राहुल आर. त्रिवेदी ९. पुस्तक समीक्षा
डॉ. हेमन्तकुमार १०. समाचार सार
नाम कहै जगनाथ, हाथ पर दीधो खावे । पंडित नांम धराय, जोइ पूछीयै सो नावै॥
प्रत क्र. १२२०३३ भावार्थ- जगन्नाथ नाम से जाना जाता हो लेकिन भोजन भी परदत्त खाता हो, वैसे ही पंडित नाम धारण करने वाला हो किन्तु जब कुछ पूछा जाए तब योग्य उत्तर न दे सके, तो ऐसे नाम को धारण करने का क्या मतलब?
* प्राप्तिस्थान * आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में
डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनिक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५